Bihar Criime - ट्रेन और रेलवे स्टेशन से बच्चों की चोरी कर लाखों में करते थे सौदा, दो महिला सहित गिरोह के आठ गिरफ्तार, रेल पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी
Bihar Criime - ट्रेन से बच्चे की चोरी कर उसे बेचनेवाले गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस दौरान चोरी हुए बच्चे को भी रेस्क्यू किया है।
Patna - पटना से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जहाँ बच्चों की चोरी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह के सदस्य ट्रेन और रेलवे स्टेशन से बच्चों को अगवा करते थे। पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का संचालन पटना जंक्शन से लेकर नालंदा तक फैला हुआ था और ये ₹2,00,000 में बच्चों को बेच देते थे। यह कार्रवाई रेल एसपी के नेतृत्व में की गई, जिससे इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सका।
इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब 28 अगस्त को पटना-कोटा एक्सप्रेस से एक 6 महीने का बच्चा रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। बच्चे की तलाश में जुटी रेल पुलिस ने पटना जंक्शन और दानापुर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में एक युवक को बच्चे को ले जाते हुए देखा गया, जिससे पुलिस को जांच की दिशा मिली। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को पता चला कि इस गिरोह में कई पुरुष और महिलाएँ शामिल हैं, जो बच्चों को चुराकर मोटी रकम में बेचते थे।
पुलिस को जानकारी मिली कि अगवा किए गए 6 महीने के बच्चे को भी ₹2,00,000 में बेचने की योजना थी। इलेक्ट्रॉनिक इनपुट के आधार पर, पुलिस ने तुरंत पटना से लेकर नालंदा तक कई जगहों पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने न सिर्फ बच्चे को सुरक्षित बरामद किया, बल्कि उसे अगवा करने वाले मुख्य आरोपी को भी धर दबोचा। यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता थी, क्योंकि इसके बाद इस गिरोह के बाकी सदस्यों तक पहुँचना आसान हो गया।
छापेमारी के दौरान, पुलिस ने अगवा करने वाले मुख्य आरोपी के साथ-साथ दो महिलाओं सहित कुल पाँच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया। इस पूरे मामले में अब तक कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह दर्शाता है कि यह एक संगठित और बड़ा गिरोह था। पुलिस अभी भी छापेमारी कर रही है क्योंकि उनका मानना है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की इस सफल कार्रवाई से इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। हालांकि, जब तक इस पूरे गिरोह का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त नहीं हो जाता, तब तक बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बनी रहेगी। फिलहाल, पुलिस बाकी फरार आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए गहनता से जांच कर रही है।
अनिल की रिपोर्ट