Chandan Mishra Murder Case: चंदन मिश्रा हत्याकांड के शूटर और हथियार सप्लायर गिरफ़्तार, राज़ से उठने लगी परतें, फिल्मी अंदाज़ में हत्या और भागने का खेल
Chandan Mishra Murder Case: महीनों से फ़रार चल रहे शूटर और हथियार सप्लायर को पटना पुलिस ने दबिश देकर दबोच लिया।...
Chandan Mishra Murder Case:पटना के अपराध इतिहास में दर्ज हो चुके चर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया। महीनों से फ़रार चल रहे शूटर और हथियार सप्लायर को पटना पुलिस ने दबिश देकर दबोच लिया। गिरफ़्तार शूटर की पहचान बक्सर निवासी विजयकांत पांडे उर्फ़ रुद्रा पांडे उर्फ़ धनु के रूप में हुई है, जबकि हथियार सप्लायर राजेश यादव है। पुलिस के मुताबिक, यह वही नेटवर्क है जिसने 17 जुलाई को पारस अस्पताल के कमरे नंबर 209 में फ़िल्मी अंदाज़ में कुख्यात चंदन मिश्रा की हत्या को अंजाम दिया था।
जाल में कैसे फँसे शूटर और सप्लायर
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि विजयकांत की लंबे समय से तलाश थी। स्पेशल टीम ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए उसे दबोचा। पूछताछ में विजयकांत ने राज खोले और हथियार सप्लायर राजेश यादव का नाम उगल दिया। पुलिस ने तुरंत दबिश देकर राजेश को भी काबू कर लिया। उसकी गिरफ्तारी ने पूरे मामले को और गहरा कर दिया।
हेरोइन के साथ पकड़ाया हथियारबाज
राजेश यादव न सिर्फ़ हथियार सप्लाई करता था, बल्कि सूखे मादक पदार्थों का काला कारोबार भी चलाता था। रूपसपुर थाना क्षेत्र में उसके एक दोस्त के घर से पुलिस ने 190 ग्राम हेरोइन बरामद की। इस मामले में रूपसपुर थाना में अलग से मुक़दमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मादक पदार्थों का यह धंधा, अपराधियों के नेटवर्क को फंडिंग देने का एक बड़ा ज़रिया है।
पूछताछ में राजेश यादव ने कबूल किया कि वारदात से पहले मुख्य आरोपी तौसीफ़ रज़ा उर्फ़ बादशाह, निशु, भीम और हर्ष सहित अन्य साथी पटना के आनंद विहार कॉलोनी में ठहरे थे। यहीं से इन लोगों ने पारस अस्पताल में मौजूद चंदन मिश्रा की रेकी की थी। हर आने-जाने वाले पर निगाह रखी गई, हमले के वक्त का चुनाव किया गया और फिर मौत का फरमान लागू कर दिया गया।
17 जुलाई को शास्त्री नगर थाना क्षेत्र स्थित पारस अस्पताल में इलाजरत चंदन मिश्रा को गोलियों से भून दिया गया। सीसीटीवी फुटेज में साफ़ दिखा कि हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद बिना किसी हड़बड़ी के आसानी से अस्पताल से निकल गए। इस बेख़ौफ़ अंदाज़ ने पुलिस और जनता दोनों को झकझोर दिया था।
मुख्य आरोपी तौसीफ़ रज़ा उर्फ़ बादशाह समेत तीन अपराधियों को बिहार एसटीएफ, बंगाल पुलिस की मदद से पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी है। अब विजयकांत और राजेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि हत्याकांड के सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे गिरोह को ध्वस्त किया जा सकेगा।
रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                     
                     
                     
                    