Election Ban : ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने पर लगनी चाहिए रोक, सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने incarcerated नेताओं के चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।कोर्ट ने इस विषय पर कड़ी टिप्पणी की और कहा कि जेल में रहते हुए चुनाव लड़ना अब एक सामान्य प्रथा बन गई है, जो उचित नहीं है।

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल- फोटो : Social Media

Election Ban : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जेल में बंद कैदियों द्वारा चुनाव लड़ने की प्रथा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट का मानना है कि जेल से चुनाव लड़ना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है और इसे रोका जाना चाहिए।यह टिप्पणी दिल्ली विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आई। ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप है।

क्या कहा कोर्ट ने?

जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि "आजकल जेल में रहकर चुनाव जीतना बहुत आसान हो गया है और इससे रोकना चाहिए।" कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि जेल से चुनाव लड़ने से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।

ताहिर हुसैन का मामला

ताहिर हुसैन को पहले आम आदमी पार्टी और अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए जमानत मांगी थी और उन्हें कस्टडी पैरोल भी मिल गया था।

क्यों उठाया गया ये मुद्दा?

सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि जेल में रहकर चुनाव लड़ने से चुनाव प्रक्रिया में धांधली हो सकती है। इसके अलावा, यह लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ भी है।सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट के फैसले का देश के चुनावों पर गहरा असर पड़ सकता है।

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