Bihar Politics: तेजस्वी ने महागठबंधन सीट बंटवारे का फार्मूला किया तय! कांग्रेस-सहनी सहित सभी दलों के हिस्से आएगी इतनी सीटें

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सिर फुटव्वल जारी है। इसी बीच जानकारी मिल रही है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय कर लिया है लेकिन उनके इस निर्णय से सहयोगी दल खुश नहीं है...

सीट शेयरिंग फार्मूला तय !- फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। एनडीए गठबंधन और महागठबंधन में सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन को लेकर तैयारी तेज हो गई है। दोनों ही गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। इसी कड़ी में बड़ी खबर सामने आ रही है। मिली जानकारी अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीट बंटवारे का फार्मूला तय कर लिया है। तेजस्वी ने अपने तय फार्मूले को अपने सहयोगियों के साथ साझा भी किया है लेकिन कांग्रेस सहित तमाम सहयोगी दल इस सीट शेयरिंग के फार्मूले से नाराज हैं।  

राजद का सीट शेयरिंग फार्मूला 

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, आरजेडी ने अपने खाते में 136 सीटें रखी हैं। कांग्रेस को 52 सीटें दी गई हैं, जबकि तीनों वाम दलों (CPI, CPIM, CPIML) को मिलाकर 34 सीटें दी गई हैं। वहीं, वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश साहनी को 20 सीटें देने का प्रस्ताव है। कांग्रेस नेताओं को जैसे ही इस फार्मूले की जानकारी मिली उन्हें तुरंत आलाकमान को बताया। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं के सुर बदल गए और कहने लगे कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा ये जनता तय करेगी। तेजस्वी यादव के सीट शेयरिंग फार्मूला से महागठबंधन में भारी नाराजगी है। 

तेजस्वी के फार्मूले से सहयोगियों में नाराजगी 

राजनीतिक जानकारों की मानें तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद इसी फार्मूले को लागू करना चाह रही है लेकिन अन्य सहयोगी दल इस फार्मूले को मानने के लिए तैयार नहीं है। राजद का यह दांव सहयोगियों के लिए गले की फांस बन रही है। महागठबंधन के सहयोगी दल इस फार्मूले से सहमत नहीं है। ऐसे में महागठबंधन में खींचातानी देखने को मिल सकता है। एक ओर जहां कांग्रेस 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है तो वहीं दूसरी ओर वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। कांग्रेस ना ही 52 सीट पर मानने को तैयार है और ना ही सहनी 20 सीटों पर मानेंगे। सहनी से 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी।  

राजद-कांग्रेस में पड़ सकता है दरार?

यहीं नहीं सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाल ही में भारी मन से महागठबंधन में जुड़े पशुपति पारस और झामुमो (JMM) को आखिर कितनी सीटें मिलेंगी। बता दें कि, राजद-कांग्रेस ने मिलकर तय किया है कि विजय पथ पर बढ़ने के लिए दोनों दल थोड़ा-थोड़ा त्याग करेंगे ताकि नए साथियों को भी मौका मिल सके। लेकिन हकीकत यह है कि आरजेडी का फार्मूला फिलहाल किसी सहयोगी को रास नहीं आ रहा। बता दें कि विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरु हो चुका है। लेकिन अब तक महागठबंधन में अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।