भूमिहार और कुशवाहा जाति पर तेजस्वी का दांव, विधानसभा चुनाव में 24 सीट देने की तैयारी में राजद, देखिए लिस्ट
बिहार में सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए तेजस्वी यादव इस बार राजद के उम्मीदवारों के रूप में भूमिहार और कुशवाहा जाति पर बड़ी मेहरबानी दिखाते नजर आ सकते हैं.
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव अपने ए टू जेड के वादे को साकार करने की रणनीति पेश करने की तैयारी में हैं. तेजस्वी इसके लिए राजद के परम्परागत समर्थक वर्गों पिछड़ा, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक और दलितों के साथ ही लंबे अरसे बाद सवर्णों को लेकर ज्यादा उदारता दिखाते दिख सकते है. विशेषकर भूमिहार वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तेजस्वी का बड़ा दांव कई सीटों पर भूमिहारों को उम्मीदवार बनाकर चला जा सकता है. यानी वर्ष 2020 में जहां राजद ने एक सीट पर भूमिहार को उतारा था, वहीं इस बार करीब 10 सीट पर भूमिहार उम्मीदवार राजद के लालटेन को जलाने के लिए चुनावी मैदान में संघर्ष करते नजर आ सकते हैं.
इसी तरह लोकसभा चुनाव में कुशवाहा वोटरों को गोलबंद करने में सफल रहा इंडिया गठबंधन उस सियासी चाल को फिर से चलने की तैयारी में हैं. राजद यहां भी नए समीकरणों को पेश कर सकती है और कुशवाहा वोटरों को राजद से जोड़ने की बड़ी रणनीति टिकट वितरण में नजर आने की संभावना है. राजद सूत्रों के अनुसार कुशवाहा बिरादरी से करीब एक दर्जन उम्मीदवारों को लालटेन थमाने की योजना है. इसके अतिरिक्त राजद फिर से यादव और मुसलमान को सर्वाधिक संख्या में उम्मीदवार बनाकर अपने एम-वाई को मजबूत करते दिखेगी.
डॉ संजीव ने थामा लालटेन
परबत्ता से जदयू के टिकट पर पिछला चुनाव जीतने वाले डॉ संजीव, जो भूमिहार जाति से आते हैं, ने पिछले सप्ताह ही राजद के सदस्यता ग्रहण की. कहा जा रहा है कि डॉ संजीव बड़े स्तर पर भूमिहार वर्ग के मतदाताओं को राजद से जोड़ने के लिए कई सीटों पर काम करना शुरू कर चुके हैं. खासकर खगड़िया, बेगुसराय, भागलपुर, मुंगेर जैसे जिलों में डॉ संजीव का जनसम्पर्क जारी है. इसके अतिरिक्त कई अन्य भूमिहार नेता भी लगातार राजद के सम्पर्क में हैं जो तेजस्वी की पार्टी से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
भूमिहार के लिए संभावित सीटें
राजद से भूमिहार जाति के उम्मीदवार को इस बार मोकामा, परबत्ता, मटिहानी, चनपटिया, घोसी, अस्थावां, लखीसराय, लालगंज, बिहपुर, गोविंदगंज, केसरिया जैसी सीटों पर उतारा जा सकता है. हालांकि इसमें कुछ ऐसी सीटें हैं जिस पर राजद के साथ ही कांग्रेस, रालोजपा जैसे दल दावा कर रहे हैं. जैसे में मोकामा पर रालोजपा की नजर है तो लखीसराय में फिर से कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है. गोविंदगंज, केसरिया सीट पर कुशवाहा वर्ग की भी नजर है.
राजद का कुशवाहा कार्ड
एनडीए में शामिल उपेंद्र कुशवाहा और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सीधी चुनौती देने के लिए तेजस्वी का कुशवाहा कार्ड उजियारपुर, सीतामढ़ी, कुर्था, चेरिया बरियारपुर, डिहरी, वारिसनगर, बिहारीगंज, कुढ़नी, नवादा, गोरियाकोठी, हथुआ, कटिहार और पालीगंज में चल सकता है.
राजद के इतिहास में बड़ा बदलाव
तेजस्वी यादव का “A टू Z फॉर्मूला” केवल नारा नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक चुनावी रणनीति बताई जा रही है। इसके तहत पार्टी 30 से 35 सीटें अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को देने जा रही है जो अब तक आरजेडी के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह कदम सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसी तरह, अगड़ी जातियों (Upper Castes) को भी साधने की पहल की गई है। आरजेडी इस बार 12 से 18 उम्मीदवार भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ वर्ग से उतार सकती है।
एक दर्जन विधायकों के टिकट पर संकट
पार्टी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार, तेजस्वी यादव ने इस बार उम्मीदवार चयन में सख्ती दिखाई है। लगभग एक दर्जन मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना है। खासतौर पर उन विधायकों का टिकट कट जाएगा जिनका प्रदर्शन कमजोर रहा या जो जनता के बीच अलोकप्रिय हो चुके हैं।