Asrani Death: बॉलीवुड में शोक की लहर! दिवाली के दिन दिग्गज अभिनेता असरानी का निधन, 58 साल लंबे करियर का हुआ अंत
Asrani Death: भारतीय सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता गोवर्धन असरानी का निधन हो गया। 58 साल लंबे फिल्मी करियर में असरानी ने अपने अभिनय और हास्य प्रतिभा से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।
Asrani Death: दिवाली जैसे उत्सव के दिन भारतीय सिनेमा जगत से एक बेहद दुखद खबर आई है। मशहूर कॉमेडियन और लीजेंड्री एक्टर गोवर्धन असरानी (Asrani) का आज निधन हो गया। 84 वर्षीय अभिनेता पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और चार दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। आज दोपहर करीब तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
असरानी के निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। अभिनेता न सिर्फ अपने हास्य अभिनय के लिए बल्कि अपनी वर्सेटाइल परफॉर्मेंस के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने अपने करियर में कॉमेडी, इमोशनल और निगेटिव सभी तरह के किरदारों को बखूबी निभाया।निधन से ठीक पहले असरानी ने अपने फैंस को सोशल मीडिया पर दिवाली की शुभकामनाएं दी थीं। लेकिन कुछ ही घंटों बाद उनके जाने की खबर ने देशभर के सिनेप्रेमियों को झकझोर दिया।
छाती में पानी भरने के कारण बिगड़ी तबीयत
असरानी के मैनेजर बाबू भाई ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक्टर की तबीयत पिछले कई दिनों से खराब थी। उन्हें छाती में पानी भरने की शिकायत थी, जिसके चलते उन्हें चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था।डॉक्टरों ने लगातार उनका इलाज किया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। आखिरकार आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। बाबू भाई ने बताया कि असरानी अपने अंतिम दिनों में भी बहुत शांत और संयमित थे। उन्होंने कभी अपनी तकलीफ को लेकर शिकायत नहीं की और हमेशा मुस्कुराते रहे।
बिना शोर-शराबे के हुआ अंतिम संस्कार
असरानी नहीं चाहते थे कि उनके निधन पर कोई मीडिया हलचल या भावनात्मक माहौल बने। उन्होंने अपनी पत्नी मंजू असरानी से पहले ही कह दिया था कि उनकी मौत की खबर को ज्यादा प्रचारित न किया जाए।इसी वजह से परिवार ने उनके निधन के कुछ घंटे बाद ही मुंबई के सांताक्रूज स्थित शांतिनगर श्मशान भूमि में चुपचाप अंतिम संस्कार कर दिया। बहुत ही सीमित परिवारजन और करीबी दोस्त ही इस मौके पर मौजूद थे।असरानी की यह इच्छा उनके विनम्र और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व को दर्शाती है। उन्होंने जीवनभर अपने अभिनय से लाखों लोगों को हंसाया, लेकिन अपने अंतिम सफर में कोई शोर नहीं चाहा।
जयपुर से बॉलीवुड तक का असरानी का सफर
असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी था। उनका जन्म जयपुर, राजस्थान में हुआ था। उन्हें बचपन से ही अभिनय और थिएटर में रुचि थी। उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से अभिनय की ट्रेनिंग ली।1967 में रिलीज हुई फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। हालांकि उन्हें असली पहचान 1970 और 1980 के दशक में मिली जब उन्होंने कॉमेडी रोल्स से दर्शकों का दिल जीत लिया।उनका डायलॉग “हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं!” फिल्म शोले (1975) में उनके करियर का सबसे आइकॉनिक पल माना जाता है। इसके अलावा उन्होंने चुपके चुपके, आंधी, अभिमान, अमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, हर दिल जो प्यार करेगा और धमाल जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय किया।
58 साल का गौरवशाली करियर
असरानी का फिल्मी सफर करीब छह दशक तक फैला रहा। उन्होंने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और हर दौर में अपने अभिनय का अलग रंग दिखाया। कॉमेडी के अलावा उन्होंने गंभीर और निगेटिव किरदारों में भी अपनी अदाकारी से छाप छोड़ी।वे राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, गोविंदा और सलमान खान जैसे सितारों के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके थे। असरानी ने अपने करियर में टीवी और थिएटर में भी योगदान दिया।