Jharkhand Assembly Election 2024 : सुबह-सुबह हेमंत सोरेन से मिले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सीट बंटवारे पर हो गई बात !
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच सीट बंटवारे को लेकर अहम चर्चा हुई। इस दौरान राज्यसभा सांसद मनोज झा और संजय यादव भी मौजूद रहे।
Jharkhand Assembly Election 2024 : बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में चुनावी बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। झारखंड में दो चरणों में मतदान होने वाला है। सभी पार्टियों चुनाव प्रसार में जुट गए है। एनडीए में झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का ऐलान हो गया है। वहीं इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है। इसी कड़ी में आज सुबह सुबह बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की।
हेमंत सोरेन से मिले तेजस्वी
इसकी जानकारी झारखंड सीएम ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि," बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता भाई तेजस्वी यादव और राज्यसभा से सांसद मनोज कुमार झा तथा संजय यादव से रांची आवास में मुलाकात हुई तथा झारखण्ड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई"। बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि एक दो दिन में सीट बंटावारे का काम खत्म हो जाएगा।
राहुल का रांची दौरा
वहीं जानकारी अनुसार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज यानी शनिवार को रांची आ रहे हैं। उनका यह दौरा झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। इस दौरान वे डोरंडा के JAP-1 के शौर्य सभागार में “संविधान बचाओ सम्मेलन” में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर चर्चा करना है।
सीट बंटवारे पर मंथन
कांग्रेस पार्टी ने झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार की है, जिसमें सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया चल रही है। गुलाम अहमद मीर, जो कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हैं, ने कहा कि सीट बंटवारे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और राहुल गांधी के रांची दौरे के बाद उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जाएगी।
13 और 20 नवंबर को मतदान
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कुल 81 सीटें हैं और इसके लिए मतदान 13 और 20 नवंबर को होगा। कांग्रेस पार्टी ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में राहुल गांधी का यह दौरा और सम्मेलन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे पार्टी को अपने चुनावी अभियान को धार देने में मदद मिलेगी।