Atal ji Indore memories: इंदौर के इस स्वाद के दीवाने थे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, पढ़ें भतीजी के घर जाने का मजेदार वाक्या
इंदौर में भतीजी माला तिवारी का घर उनकी यात्राओं का केंद्र था। माला तिवारी 1977 में विवाह के बाद इंदौर आईं और अटल जी जब भी इंदौर आते, उनके घर जरूर जाते थे।
Atal bihari vajpayee: 25 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी परियोजना 'नदी जोड़ो अभियान' की शुरुआत के तहत केन-बेतवा नदी जोड़ो प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। यह दिन खासतौर पर चुना गया क्योंकि 25 दिसंबर अटल जी का जन्मदिन है। वहीं अगर मध्य प्रदेश से अटल जी के संबंधों को देखें तो ये काफी खास रहा है। इसमें खासकर मध्य प्रदेश का इंदौर शहर है, जिससे अटल जी का गहरा संबंध था। प्रधानमंत्री रहते हुए भी वे इंदौर का दौरा अक्सर करते थे।
इंदौर में भतीजी माला तिवारी का घर उनकी यात्राओं का केंद्र था। माला तिवारी 1977 में विवाह के बाद इंदौर आईं और अटल जी जब भी इंदौर आते, उनके घर जरूर जाते थे। एक बार प्रोटोकॉल की वजह से घर नहीं जा सके तो उन्होंने अपने परिजनों को रेसीडेंसी कोठी बुलाया और लंबी बातचीत की। माला तिवारी ने बताया कि अटल जी घर पर आते ही आरामकुर्सी पर बैठकर आंख मूंद लेते और चिंतन करते थे।
अटल बिहारी जी को घर का खाना पसंद
भतीजी माला तिवारी ने अटल बिहारी जी के बारे में बताया कि उन्हें घर का बना खाना, चाय, और मठरी बेहद पसंद थी। इसके अलावा इंदौर की नमकीन और कचौरी का स्वाद बहुत पसंद करते थे। वे बिना इसका स्वाद लिए इंदौर से कभी नहीं जाते थे। एक यादगार वाकये में, अटल जी ने सत्यनारायण सत्तन, नारायण राव धर्म, और राजेंद्र धारकर को माला तिवारी के घर खाने पर बुलाया। वे देर शाम तक मजाकिया बातचीत और गप्पों में व्यस्त रहे।
सत्तन से कविता पर नाराजगी का किस्सा
कवि और पूर्व विधायक सत्यनारायण सत्तन ने बताया कि एक कवि सम्मेलन में उन्होंने अपनी कविता की एक पंक्ति में राष्ट्रपति व्यंकटरमण पर टिप्पणी की थी।अटल जी ने यह सुनकर उन्हें डांटा और उनकी गलती समझाई। सत्तन ने अपनी गलती मानी और खेद प्रकट किया।