नागा साधुओं को माना जाता है मरा हुआ इंसान! जानें इसके पीछे की मुख्य वजह, सच्चाई जान घूम जाएगा माथा
महाकुंभ में नागा साधुओं की उपस्थिति इस प्राचीन परंपरा का सजीव उदाहरण है। उनकी साधना और त्याग से भरा जीवन धर्म के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को दर्शाता है।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में इस बार साधु-संतों और नागा साधुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। नागा साधुओं का जीवन रहस्यमय और अनोखा होता है, जो आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलता है। उनकी मृत्यु और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी सामान्य लोगों से भिन्न होती है। आइए, जानते हैं नागा साधुओं के अंतिम संस्कार से जुड़े अनजाने पहलुओं के बारे में।
नागा साधुओं का जीवन और पिंडदान
नागा साधु बनने के लिए व्यक्ति को कठोर तपस्या करनी पड़ती है। इन साधुओं के जीवन की एक अनूठी बात यह है कि वे अपने जीवनकाल में ही अपना पिंडदान कर लेते हैं। हिंदू धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद पिंडदान किया जाता है, लेकिन नागा साधु इसके अपवाद होते हैं। वे अपने सांसारिक जीवन को समाप्त मानते हैं और इस कारण से उनका अंतिम संस्कार सामान्य तरीके से नहीं किया जाता।
नागा साधुओं को मुखाग्नि क्यों नहीं दी जाती?
नागा साधुओं का दाह संस्कार नहीं किया जाता है। उनकी मृत्यु के बाद उन्हें समाधि दी जाती है, न कि मुखाग्नि। इसके पीछे यह मान्यता है कि नागा साधु अपने सांसारिक जीवन से पहले ही मुक्त हो चुके होते हैं। उनकी समाधि भूमि या जल में दी जाती है, जिससे उनकी अंतिम विदाई पूरी होती है।
अंतिम विदाई की प्रक्रिया
नागा साधु की मृत्यु के बाद उनके शरीर को स्नान कराकर भगवा वस्त्र पहनाए जाते हैं। इसके बाद शव पर भस्म लगाई जाती है। मंत्रोच्चारण के साथ उन्हें समाधि दी जाती है। समाधि स्थल पर सनातन निशान बना दिया जाता है ताकि उस स्थान का सम्मान किया जा सके और कोई उसे अपवित्र न कर सके।
नागा साधुओं का इतिहास
नागा साधुओं का इतिहास आदि गुरु शंकराचार्य से जुड़ा है। उन्होंने नागा योद्धाओं की सेना तैयार की थी, जिनका उद्देश्य धार्मिक स्थलों और ग्रंथों की रक्षा करना था। नागा साधु धर्म के रक्षक माने जाते हैं, और उनके जीवन में शस्त्र और शास्त्र दोनों का महत्व होता है। यह धरोहर आज भी नागा साधुओं के जीवन में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। महाकुंभ में नागा साधुओं की उपस्थिति इस प्राचीन परंपरा का सजीव उदाहरण है। उनकी साधना और त्याग से भरा जीवन धर्म के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को दर्शाता है।