औरंगाबाद कोर्ट ने पिता के हत्यारे पुत्र को आजीवन कारावास की सुनाई सजा, 25 हज़ार रूपये का लगाया जुर्माना

AURANGABAD : आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे सात सुनील कुमार सिंह ने खुदवा थाना कांड संख्या 37/19 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन अभियुक्त विनोद राम कलेन खुदवा को सज़ा सुनाई है। एपीपी इरशाद आलम ने बताया कि भादंवि धारा 302 में अभियुक्त को आजीवन कारावास तथा पच्चीस हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी।

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त को 11/08/23 को अपने पिता ठाकुर जी के हत्या के आरोप में दोषी करार दिया गया था और उसकी पत्नी शिला देवी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था। शिला देवी की एक नवम्बर 2021 को इस वाद में बेल महिला अधिवक्ता उषा पाठक ने कराई थी। 

आज सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने प्रथम अपराध के कारण और अपराधिक इतिहास न होने के कारण कम से कम सज़ा की मांग की। वहीं अपर लोक अभियोजक ने पिता पुत्र के रिश्ते के कारण हत्या में अधिकतम सज़ा की मांग की। 

बताते चलें की अभियुक्त ने अपने छोटे भाई सिनोद राम के साथ ओबरा में रह रहे पिता की चाकू गोद कर हत्या कलेन खुदवा में 21/07/19 को कर दी थी। जिसकी प्राथमिकी अभियुक्त के चाचा राजेश्वर राम ने दर्ज कराई थी। जिसमें हत्या का कारण चल और अचल संपत्ति का बंटवारा बताया गया था। 

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट