Bihar Land Survey: बाप-दादा के जमीन के कागजात में बहन, बेटी और बुआ का नाम देना क्यों है जरुरी, जान लीजिए नहीं तो फंस जाइएगा
Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिससे जमीन से जुड़े कई विवादों का समाधान हो सकता है. अब पुश्तैनी जमीन का बंटवारा करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है. बिहार में विशेष भू सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है. लोग अपने अपने कागजातों को दुरुस्त करने जुटे हैं. जमीन के कानून के अनुसार जो जमीन दादा, परदादा और पिता के नाम पर है. उसे अपने नाम पर कराने के लिए हर व्यक्ति को उस व्यक्ति का एनओसी लेना होगा. जो जमीन में अपना हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं. अभीतक यह देखा गया है की आम तौर पर शादीशुदा बेटियां अपने पिता के सम्पत्ति में हिस्सा नहीं लेती है लेकिन जमीन ने नया बखेड़ा शुरू कर दिया है.
दरअसल जमीन कानून के अनुसार वंशावली में बहन , बेटी और बुआ का नाम देना अनिवार्य है . अगर आप वंशावली में बहन , बेटी और बुआ का नाम नहीं देते है तो वंशावली को अधुरा माना जायेगा और आपकी संपत्ति के बंटवारे में परेशानी हो सकती है और आप पर कामूमी कार्रवाई भी की जा सकती है.
पहले बहुत सारी जानकारियां छुपा लिया जाता है . अब वंशवली तैयार होने के बाद इसको सरपंच और पंचायत सचिव से सत्यापित कराया जाएगा. आपने वंशावली में किसी प्रकार की कोई गलत जानकारी दी है तो सरकार आप पर कार्रवाई करेगी और आप मुश्कील में पड़ सकते हैं.
ऐसे में बिहार में नया झमेला शुरु हो गया है. बहन का एनओसी लेने जाने भाईयों को कई समस्या भी हो रही है और इसका साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है. दरअसल बहन तो जमीन में हिस्सा लेने से इंकार कर रहीं है लेकिन जीजा और भगिना संपत्ति पर दावा ठोक रहे है. इससे क्लेश भी बढ़ रहा है.
बहरहाल जमीन कानून के अनुसार आपको बहन , बेटी और बुआ का नाम वंशावली में देना हीं होगा. अन्यथा आपकी वंशावली अधूरी मानी जाएगी.