Bihar Crime: रिश्तों का कत्ल, पिता ने बेटे को उतारा मौत के घाट , गंगा में बहा दिया शव, कारण जानकर हैरान हो जाएंगे आप
Bihar Crime: एक पिता ने अपने ही बेटे की बेरहमी से हत्या कर, शव को गंगा नदी में बहा दिया। पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे पारिवारिक कलह और सौतेली मां के साथ कथित अवैध संबंध का विवाद अहम वजह रहा।

Bihar Crime: हरनौत थाना क्षेत्र के एक गांव में इंसानियत को झकझोर देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को सकते में डाल दिया है। यहां एक पिता ने अपने ही बेटे की बेरहमी से हत्या कर, शव को गंगा नदी में बहा दिया। पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे पारिवारिक कलह और सौतेली मां के साथ कथित अवैध संबंध का विवाद अहम वजह रहा।
शिकायत से खुली परत-दर-परत साज़िश
इस सनसनीखेज़ राज़ से पर्दा तब उठा, जब मृतक के नाना ने अपने दामाद (मृतक के पिता) और उसकी पत्नी पर हत्या का आरोप लगाते हुए थाने में लिखित शिकायत दी। जांच के दौरान सामने आया कि पिता, सौतेली मां, चाचा और एक पड़ोसी ने मिलकर बेटे की जान लेने की साज़िश रची थी।
पारिवारिक पृष्ठभूमि — तीन शादियां, बिगड़े रिश्ते
मृतक की मां का देहांत कई साल पहले हो चुका था। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी की, और फिर 2014 में तीसरी शादी कर ली। गांव में कानाफूसी है कि मृतक और उसकी सौतेली मां के बीच अनुचित संबंध थे। इस बात ने घर का माहौल जहरीला बना दिया और पिता-बेटे के बीच खाई गहरी हो गई।
वारदात की साज़िश और अंजाम
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पिता और चाचा ने मिलकर हत्या की ठोस योजना बनाई। तय मंसूबे के तहत युवक को मौत के घाट उतारा गया, फिर शव को चादर में लपेटकर चुपचाप गंगा नदी में फेंक दिया गया। मकसद था — सबूत मिटा देना और शक की सुई को भटकाना। गांव वालों को भनक तक नहीं लगी।
गिरफ़्तारी और कबूलनामा
गुप्त सूचना पर पुलिस ने दबिश दी और आरोपी पिता को गांव से धर दबोचा। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या की बात कबूल करते हुए खुलासा किया कि शव गंगा में बहा दिया गया है। पुलिस ने चाचा और सौतेली मां को भी हिरासत में ले लिया है।
शव की तलाश में मुश्किलें
पुलिस टीम आरोपियों को लेकर गंगा घाट पहुंची, लेकिन नदी में तेज़ बहाव और पानी के ऊंचे स्तर के कारण शव का सुराग नहीं मिल पाया। फिलहाल एनडीआरएफ की मदद से तलाश अभियान जारी है।
गांव में सनसनी और अफ़वाहें
घटना की खबर आग की तरह फैल गई। गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं कोई इसे ‘इज़्ज़त का सवाल’ बता रहा है, तो कोई पारिवारिक लोभ-लालच को वजह मान रहा है।