Bihar news: बिहार की एक महिला अफसर (OSD) ने 'इनोवा-सफारी' गाड़ी के साथ-साथ 'बॉडीगार्ड' की भी डिमांड कर दी, फिर क्या था...मामला बढ़ गया और..
PATNA: बिहार की एक महिला अफसर ने निरीक्षण में जाने के लिए इनोवा या टाटा सफारी गाड़ी की मांग कर दी. उक्त महिला अधिकारी ने न सिर्फ लग्जरी गाड़ी की डिमांड की, बल्कि बिहार पुलिस का एक सुरक्षा गार्ड, जिला अतिथि गृह में ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था करने, समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने को लेकर पत्र लिख दिया. इसके बाद मामला फंस गया. सरकार ने माना कि महिला अधिकारी ने अपने पद के अनुरूप काम नहीं किया है. लिहाजा ये दंड के भागी हैं.
विशेष कार्य पदाधिकारी कहकशां को डिमांड करना पड़ा महंगा
दरअसल यह मामला कला संस्कृति एवं युवा विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी सुश्री कहकशां से जुड़ी है. ये बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं. इस अधिकारी को पूर्णिया के कला भवन का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा गया था. कला एवं संस्कृति विभाग की तरफ से 15 जून 2024 तक जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया था. उक्त प्रतिवेदन को बिहार विधान परिषद की सरकारी आश्वासन समिति को समर्पित किया जाना था. लेकिन महिला अधिकारी कहकशां ने पूर्णिया के कला भवन के भौतिक निरीक्षण कर निरीक्षण प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए इनोवा क्रिस्टा या टाटा सफारी गाड़ी की मांग की. यात्रा के दौरान बिहार पुलिस का एक सुरक्षा गार्ड तथा संस्कृती निदेशालय से संबंधित एक लिपिक देने का अनुरोध किया. इसके साथ ही पूर्णिया के जिलाधिकारी को जिला अतिथि गृह में विश्राम एवं भोजन के लिए कमरा आरक्षित करने, संबंधित पदाधिकारी से समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की.
सरकार ने निंदन का दिया दंड
महिला अफसर कहकशां की इस डिमांड वाले पत्र के बाद कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग से शिकायत की. 4 जुलाई 2024 को आरोप पत्र उपलब्ध कराया गया. जिसमें महिला अधिकारी कहकशां को नियम विरूद्ध जाकर काम करने का आरोप लगाया. शिकायत के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोपी अधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की. आरोप और स्पष्टीकरण के जवाब की समीक्षा की गई, तब सामान्य प्रशासन विभाग ने पाया कि इन्होंने इनोवा या टाटा सफारी गाड़ी मांगी थी. साथ ही सुरक्षा गार्ड एवं अन्य सुविधा देने को लेकर पत्र लिखा था. यह इनके धारित पद के लिए अनुमान्य नहीं है. हालांकि इन्होंने ससमय जांच प्रतिवेदन समर्पित किया है. लेकिन वरीय पदाधिकारी होने के नाते इनसे अपेक्षा की जाती है कि सरकार द्वारा निर्गत आदेशों की इन्हें पूर्ण जानकारी हो और इसी के अनुसार सुविधा की मांग करें. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए इन्हें आरोप वर्ष 2024-25 के लिए निंदन का दंड दिया है.