बिहार की रजनीकांत हो गई जीविका दीदियां, ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के साथ अब शराब तस्करों पर भी लगाएंगी लगाम

BUXER : थलाइवा रजनीकांत  के बारे में माना जाता है कि उनकी फिल्मों में वह सबकुछ संभव है, जो आम तौर पर नामुमकिन है, उंगलियों  से गोली मार सकते हैं, ट्रेन रोक सकते हैं। इन दिनों जीविका दीदियों के लिए यह कहा जाए कि वह बिहार की रजनीकांत हो गई है, तो यह कहना गलत नहीं होगा। जीविका दीदियां हर वह काम कर रही हैं, जो अब तक किसी और के जिम्मे था। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीविका दीदियों के महत्व को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। यही कारण है किअपने समाधान यात्रा में नीतीश कुमार ने जिस जिले का दौरा किया, हर जगह उन्होंने जीविका दीदियों के साथ बैठक की। 

उत्पाद विभाग के साथ रोकेंगी शराब तस्करों को

बिहार में शराबबंदी को रोकने में उत्पाद विभाग और पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में अब यह निर्णय लिया गया है कि जीविका दीदियों के सहयोग से इसे रोका जाएगा। अब उत्पाद विभाग की छापेमारी में भी जीविका शामिल होगा। जिले के महादलित व दलित टोलों में शराब बरामदगी को लेकर होने वाली छापेमारी में उत्पाद विभाग की टीम के साथ अब में जीविका के अधिकारी व कर्मी भी शामिल रहेंगे। 

जीविका के पदाधिकारी व कर्मी शराब बनाने या बेचने वाले परिवारों को चिह्नित कर वे सूची बनायेंगे। इन परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ कर लाभ दिलाया जाएगा। इसको लेकर मद्य निषेध के संयुक्त आयुक्त द्वारा इस बाबत महादलित और दलित टोला में छापेमारी के दौरान जीविका के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को शामिल करने के निर्देश के लिए पत्र भी जारी किया हैं ।

धंधेबाजों को रोजगार से जोड़ना उद्देश्य, सतत योजनाओं का लाभ पहुंचाना

जिले के उत्पाद निरीक्षक दिलीप पाठक ने बताया कि शराब धंधे के खिलाफ होने वाली छापेमारी में जीविका कर्मियों को भी साथ में रखने का निर्देश मिला है। खासकर दलित टोला में जहां शराब धंधे को रोजगार का साधन बनाया गया है। उद्देश्य यह है कि शराब और ताड़ी के अवैध धंधे से हटाकर ऐसे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके ताकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त से मिले निर्देश को लेकर पहल शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया है कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभुकों को इस योजना का लाभ पहुंचाना है।

जीविकोपार्जन के लिए पहली किस्त में 20 हजार रुपए मिलेंगे

सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ पाकर अत्यंत गरीब, बेसहारा और ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले लोग सबल होंगे। इस योजना में महिलाओं को भी रोजगारी बना उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने पर फोकस ने किया जा रहा है। विभाग की ओर से जीविकोपार्जन के तीन किस्त में निवेश की राशि दी जाती है। पहली किस्त में 20 हजार रुपए दिए जाते हैं। अधिकतम एक लाख रुपए रोजगारी बनाने के लिए मुफ्त में दिए जाते हैं। विभागीय निर्देश पर मद्य निषेध की छापेमारी के दौरान जीविका के पदाधिकारी व कर्मी अत्यंत गरीब अथवा ताड़ी के धंधे में संलिप्त लोगों की सूची तैयार करेंगे। इसी सूची के आधार पर जीविकोपार्जन योजना का लाभ मिलेगा।

जीविका दीदी का बिहार में कितना महत्व है,यह इससे ही समझा जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों में इनके सहयोग  से कई काम कराए जा रहे हैं। वह ग्रामीणों इलाकों में रहनेवाली महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें रोजगार मुहैय्या करा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ दूसरे सरकारी कामों में उनका सहयोग लिया जा रहा है। समाधान यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने उन्हें धान खरीदी की भी जिम्मेदारी देने की बात कही थी।