Bihar voter revision dispute: मतदाता पुनरीक्षण पर महागठबंधन का विरोध! मुकेश सहनी बोले - 'यह वोटबंदी है, लोकतंत्र से धोखा'
Bihar voter revision dispute: बिहार महागठबंधन ने चुनाव आयोग से मतदाता पुनरीक्षण कार्य तत्काल रोकने की मांग की। मुकेश सहनी ने भाजपा पर वोटर अधिकार छीनने की साजिश रचने का आरोप लगाया। जानें पूरी रिपोर्ट।

Bihar voter revision dispute: बिहार महागठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल आज बिहार चुनाव आयोग से मुलाकात की और मतदाता पुनरीक्षण कार्य को तत्काल रोकने की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में महागठबंधन में शामिल अधिकांश दलों के प्रमुख शामिल हुए। प्रतिनिधिमंडल में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण मतदाताओं के साथ भद्दा मजाक है। लोकतंत्र में सबसे अधिक शक्तिशाली मतदाता हैं लेकिन इन्हें ही अधिकारों से वंचित करने की साजिश रची जा रही है।
पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ हमारी पार्टी शुरू से है। हम लोग लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक मूल्यों को समाप्त नहीं होने देंगे। सहनी ने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर चल रही है, राज्य की जनता वर्तमान सरकार से छूटकारा चाहती है, बिहार में बदलाव तय है। भाजपा सामाजिक न्याय पर भी प्रहार कर रही है, संविधान पर भी प्रहार कर रही है, लेकिन हमारी पार्टी यह कभी नहीं होने देगी।
मुकेश सहनी का बीजेपी पर तीखा हमला
बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा एवं एनडीए गठबंधन में शामिल पार्टियां विधानसभा चुनाव में अपनी हार के अंदेशे से निर्वाचन आयोग का सहारा लेकर सुदूर गांव, ग्रामीण क्षेत्रों एवं मलिन बस्तियों में बसने वाले दलित, गरीब, वंचित एवं शोषित तबके के मतदाताओं के मतदान के अधिकार को छिनने का षड्यंत्र रच रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सभी संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा को ध्वस्त करने पर तुली है। सही अर्थों में यह मतदाता पुनरीक्षण वोटबंदी है।
पटना से देबांशु प्रभात की रिपोर्ट