गैंगस्टर संतोष झा हत्याकांड : बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता का सनसनीखेज खुलासा

SITAMARI : बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ली संतोष झा की हत्या की जिम्मेवारी। संतोष के कारनामों से संगठन की बदनामी हो रही थी लिहाजा संगठन के सदस्यों ने संतोष को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। संगठन के प्रवक्ता राजा मिश्रा ने खुलेआम कहा कि अभी तो यह झांकी है, शिवहर, मोतिहारी बाकी है। यह कहकर राजा मिश्रा ने सीधे-सीधे पुलिस को चुनौती दे डाली है। इधर, राजा मिश्रा के इस बयान के बाद उत्तर बिहार में गैंगवार की आशंका बढ़ गयी है। हालांकि एसपी विकास वर्मन ने पूरे मामले पर विधि सम्मत कार्रवाई करने की बात कही है।

लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता का सनसनीखेज खुलासा

राजा की मानें तो मुकेश पाठक को संतोष झा ने अपराधी बनाया। मुकेश को बदनाम करने की खातिर संतोष ने कई चालें चली और धीरे-धीरे मुकेश कई कांडों में फंसता चला गया। संतोष ने संगठन की ताकत का बेजा इस्तेमाल किया। पैसे के लालच में उसने डबल इंजीनियर हत्याकांड को अंजाम दिया। 

संगठन को लेकर तनातनी

राजा मिश्रा ने मीडिया में चल रही खबरों को बेबुनियाद बताया और कहा कि संतोष से पहले मुकेश पाठक ही लिबरेशन आर्मी का मुखिया था। मुकेश के जेल जाने के बाद संतोष को संगठन संभालने की जिम्मेदारी दी गयी थी। जब मुकेश पाठक जेल से छूटकर बाहर आया तो उसने संगठन के कार्यकलापों को लेकर संतोष से नाराजगी जाहिर की, जो कुख्यात संतोष झा को नागवार गुजरी और यहीं से दोनों के बीच दुश्मनी की खाई चौड़ी हो गयी। इधर, सीतामढ़ी के एसपी विकास वर्मन ने बताया कि संतोष झा हत्याकांड में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूरे मामले की गंभीरता से जांच चल रही है। 


कैसे हुई थी गैंगस्टर संतोष झा की हत्या

सीतामढ़ी कोर्ट में दिनदहाड़े मंगलवार को अपराधियों ने गैंगस्टर संतोष झा को गोलियों से भून डाला था। 28 अगस्त को संतोष झा को पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था। जहां पर पहले से घात लगाए अपराधी उसका इंतजार कर रहे थे और मौका मिलते ही उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। पिस्टल और एके-47 और पिस्टल से लैस अपराधियों ने उसे निशाने पर ले रखा था। 

गैंगस्टर मुकेश पाठक का नाम आया सामने

एसपी ने बताया की मुकेश पाठक के कहने पर मोतिहारी जेल में बंद कुख्यात संजय कुमार उर्फ राज द्वारा फोन कर शकील अख्तर उर्फ़ आर्यन को बाहर निकालने के लिए संजीत चौधरी व अश्विनी दुबे उर्फ गोलू को कहा गया। वही आर्यन को निकालने में खर्च का पैसा चकिया निवासी प्रिंस के माध्यम से दिया गया था। मोतिहारी पुलिस के सहयोग से सीतामढ़ी पुलिस ने प्रिंस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 

घटनास्थल से ही गिरफ्तार अपराधकर्मी विकास महतो ने पूछताछ में बताया कि विकास और आशीष रंजन पटना के कृष्णापुरी में अधिवक्ता मुनेश कुमार के मकान में किराया लेकर रहते थे। 27 मार्च  को शकील अख्तर उर्फ आर्यन उसके डेरा पर अपने साथ दो अन्य साथियों को लेकर आया, फिर वह दोनों उसी दिन रात को डुमरा कोर्ट में जाकर हथियार पॉलिथीन में रखकर छिपा दिया। अगले दिन गलत तरीके से पास बनवाकर कोर्ट में विकास और डेविल उर्फ़ आशीष रंजन प्रवेश कर गये। वहीं बाहर में शकील अख्तर उर्फ़ आर्यन के साथ दो अन्य सहकर्मी बाइक लगाकर खड़े थे। 

पूछताछ में विकास ने बताया की डेविल के मोबाइल पर किसी का फोन आया कि संतोष झा की गाड़ी जेल से बाहर निकल गयी है। उसके बाद डेविल और विकास छुपाया हुआ हथियार अपने पास रख लिया, और योजना के अनुसार कोर्ट से बाहर आते ही संतोष को गोलियों से भून दिया। डेविल चालाकी से हवाई फायरिंग करते हुए भाग गया व विकास कुमार घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के द्वारा पकड़ लिया गया।

सीतामढ़ी से आदित्यानंद आर्या की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट