सरकारी स्कूलों में क्लास रूम बनाने के लिए जारी टेंडर में भारी गड़बड़ी...होगा रद्द ! BJP विधायक ने पकड़ी गड़बड़ी..निविदा कैंसल करने को लिखा पत्र
PATNA: पूर्वी चंपारण में शिक्षा विभाग द्वारा निकाले गए टेंडर में गड़बड़ी पकड़ी गई है. इस संबंध में सत्ताधारी दल के विधायक ने टेंडर प्रकाशन पर सवाल उठाए हैं और रद्द करने को लेकर पत्र भी लिख दिया है. ढाका के भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण को पत्र लिखकर टेंडर रद्द करने को कहा है.
दरअसल, पूर्वी चंपारण के विभिन्न प्रखंडों में विद्यालय विकास योजना के तहत माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराया जाना है. इस कार्य के लिए जिले के 102 विद्यालयों में वर्ग कक्ष निर्माण कराने को लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से टेंडर निकाला गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी, की तरफ से कहा गया है कि विद्यालयों में कार्य करने के लिए अल्पकालीन निविदा आमंत्रित की गई है. निविदा में वही संवेदक भाग ले सकते हैं जो राज्य स्तरीय आधारभूत संरचना का कार्य करने के लिए सूचीबद्ध हों.
हालांकि, शिक्षा विभाग का यह टेंडर तकनीकी पेंच में फस गया है. गड़बड़ी साबित होने पर इस टेंडर को रद्द भी किया जा सकता है. शिकायत मिलने के बाद ढाका से भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि टेंडर सं.-1 वर्ष 2024/ 25 नियम सम्मत नहीं है. ऐसे में प्रकाशित अल्पकालीन निविदा आमंत्रण सूचना को रद्द किया जाए . पत्र में कहा गया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण द्वारा निकाले गए अल्पकालिक सीमित निविदा आमंत्रण सूचना संख्या एक जो प्रकाशित की गई है वह नियमानुकूल नहीं है. पथ निर्माण विभाग एवं वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार किसी भी निविदा में जिसकी प्राकृतिक राशि 10 लाख से नीचे हो, उसमें BOQ राशि 1250 रुपया रखना है .जबकि जारी सूचना में BOQ राशि 2500 रखा गया है, जो नियम विरुद्ध है.साथ ही बेरोजगार संवेदकों पर आर्थिक बोझ भी है. ऐसे में नियम विरुद्ध प्रकाशित निविदा को स्थगित कर संशोधित निविदा प्रकाशित करें.
इधर, टेंडर की बीओक्यू राशि में ही अन्य राशि(1180) जोड़ कर निविदा प्रकाशित कर दी गई है. जो अन्य राशि(1180) जोड़ने की बात है, उस राशि को जोड़ने के बाद भी कुल 2500 रू नहीं आ रहा. लिहाजा जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी द्वारा जारी टेंडर पर सवाल खड़े हो रहे हैं. देखना होगा कि तकनीकी पेंच में फंसे इस टेंडर को कब तक रद्द किया जाता है.