Dilip Ghosh: 61 साल की उम्र में भाजपा नेता बने दूल्हा, बीजेपी की महिला नेत्री से रचाई शादी, सीएम सहित इन लोगों ने दी बधाई, देखें तस्वीर

Dilip Ghosh: पश्चिम बंगाल के बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कोलकाता स्थित घर पर रिंकू मजूमदार से शादी की. दिलीप घोष ने 61 साल की उम्र में पहली बार शादी है. उनकी शादी अब काफी चर्चा में है.

BJP leader Dilip Ghosh
BJP leader Dilip Ghosh - फोटो : news4nation

Dilip Ghosh : रिश्तों की कोई उम्र नहीं होती और प्यार का आयु से कोई नाता नहीं होता. 61 साल की उम्र में शादी करने वाले भाजपा नेता दिलीप घोष के विवाह के बाद एक बार फिर यह सच साबित हुआ है. पश्चिम बंगाल के बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कोलकाता स्थित घर पर रिंकू मजूमदार से शादी की. उनके विवाह रचाने पर न सिर्फ भाजपा के नेताओं ने बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही उन्हें बधाई दी है. शादी के तस्वीरों में रिंकू लालू जोड़े में और दिलीप व्हाइट कलर के पारंपरिक कपड़ों में नजर आ रहे हैं. 


दिलीप घोष ने इससे पहले कभी शादी नहीं की थी। ऐसे में यह उनके जीवन का एक बड़ा और नया अध्याय है। खबरों के मुताबिक, रिंकू मजूमदार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दिलीप घोष की हार के बाद उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया था। शादी का कार्यक्रम बेहद निजी रखा गया। जिसमें सिर्फ परिवार के सदस्य और कुछ करीबी दोस्त ही शामिल हुए. उनकी शादी की कई तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैं. 

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कौन हैं दुल्हन

रिंकू मजूमदार तलाकशुदा हैं और उनका एक 25 वर्षीय बेटा है, जो साल्टलेक के सेक्टर V में आईटी सेक्टर में कार्यरत है। उन्हें हाल ही में 3 अप्रैल को ईडन गार्डन्स में दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स का मैच देखते हुए देखा गया था। जिसके बाद दोनों के रिश्ते को लेकर चर्चाएं सोशल मीडिया पर तेज हो गई थीं। रिंकू मजूमदार पार्टी के महिला मोर्चा के साथ-साथ ओबीसी मोर्चा और हथकरघा प्रकोष्ठ में भी अपनी जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। वह लंबे समय से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं और पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक स्तर पर सक्रिय हैं। 

कौन हैं बीजेपी नेता दिलीप घोष

61 वर्षीय दिलीप घोष का जन्म 1 अगस्त 1964 को मेदिनीपुर जिले में हुआ था। राजनीति में प्रवेश से पहले वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे और 2014 में बीजेपी का दामन थामा। एक साल बाद ही, 2015 में उन्हें पश्चिम बंगाल बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में पार्टी ने राज्य में राजनीतिक जमीन मजबूत की और 2019 के लोकसभा चुनावों में 18 सीटों पर जीत दर्ज कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। दिलीप घोष 2016 से 2021 तक खड़गपुर सदर से विधायक भी रहे और 2019 में मेदिनीपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।

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