पटना पुलिस का अमानवीय चेहरा उजागर ! सीएम नीतीश का काफिला निकालने के लिए रोककर रखा एम्बुलेंस

पटना. एम्बुलेंस की आवाज जैसे ही कोई सुनता है सड़क पर खुद को किनारे कर उसे आगे जाने का रास्ता देता है. लेकिन, पटना पुलिस इन सबसे अनजान बनी दिख रही है. स्थिति है कि पटना में वीवीआईपी मूवमेंट को तरजीह देने के लिए एम्बुलेंस को देर तक सड़क किनारे रोककर रखा जाता है. लोग सवाल करते रहते हैं कि आखिर बिहार के मुख्यमंत्री का काफिला गुजरना ज्यादा जरूरी है या फिर बीमार मरीज का जल्द अस्पताल पहुंचना. बावजूद इसके पटना पुलिस तब तक एम्बुलेंस को रोके रखती है जब तक कि सीएम नीतीश का काफिला गुजर नहीं जाता है. 

अब पटना पुलिस और सीएम नीतीश दोनों ही इस वाकये के बाद लोगों के निशाने पर आ गए हैं. सोमवार को सीएम नीतीश कुमार पटना में निर्माणाधीन गंगा पथ का निरीक्षण करने गए थे. इसी दैरान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नीतीश के काफिले को गुजारने के लिए एम्बुलेंस को रोककर रखा गया है. यहां तक कि कुछ लोग इसे लेकर पुलिस से सवाल भी करते हैं लेकिन एम्बुलेंस को काफी देर तक रोके रखा जाता है. 

संयोग से नीतीश के उस काफिला में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल थे जिनके पास बिहार में स्वास्थ्य विभाग और पथ निर्माण विभाग है. वाबजूद इसके मरीज के एम्बुलेंस को रोककर नेताओं का काफिला निकालने को पटना पुलिस ने तरजीह दिया. अब इसे लेकर लोग सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि क्या यही बिहार में सुशासन है जिसमें आम लोगों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं है. 

एम्बुलेंस को रोकने का यह वीडियो अब वायरल है और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार और बिहार पुलिस दोनों ही अब लोगों के निशाने पर हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार अपनी टिप्पणियों में कहा है कि एम्बुलेंस का रास्ता किसी भी हालत में नहीं रोका जाना चाहिए. लेकिन बिहार पुलिस इन सबसे बेखबर बनी दिख रही है.