IPS Shivdeep Lande : कौन हैं आईपीएस शिवदीप लांडे जिनके इस्तीफे से हिल गया बिहार, नीतीश सरकार में माफिया हों या मनचले सबकी उड़ा दी नींद

IPS Shivdeep Lande : कौन हैं आईपीएस शिवदीप लांडे जिनके इस्तीफे से हिल गया बिहार, नीतीश सरकार में माफिया हों या मनचले सबकी उड़ा दी नींद

IPS Shivdeep Lande : बिहार कैडर के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ( IPS Shivdeep Lande) ने गुरुवार को अपना इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफा देते ही बिहार पुलिस महकमा हो या बिहार कि सियासत सबमें हड़कम्प मच गया. अपने इस्तीफे का कारण बताते हुए शिवदीप ने एक भावुक पोस्ट लिखा है. इसमें उन्होंने बिहार में आईपीएस अधिकारी के रूप में की गई सेवा और यहां के लोगों से जुड़ाव सहित भविष्य में बिहार को लेकर उनकी क्या योजना है उसका पूरा विवरण दिया है. वे फ़िलहाल पूर्णिया रेंज के आईजी के पद पर थे. दो सप्ताह पूर्व ही उन्हें पूर्णिया भेजा गया था और अब उनका इस्तीफा हो गया है. 


उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, "मेरे प्रिय बिहार,पिछले 18 वर्षो से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी वर्षो में मैंने बिहार को ख़ुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूँगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द।


शिवदीप लांडे 2006 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे. बिहार कैडर में रहने के दौरान उन्होंने बिहार के पटना, अररिया, पूर्णिया और मुंगेर जिलों में आरक्षी अधीक्षक के रूप में कार्य किया। पटना (मध्य क्षेत्र) के एसपी के रूप में वे काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने कैरियर में कई अपराधियों को गिरफ्तार किया और सख्त कार्रवाई की। बीच में वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस- एंटी नारकोटिक्स सेल, क्राइम ब्रांच, मुंबई के रूप में सेवारत रहे.  वदीप की शादी महाराष्ट्र के मंत्री विजय शिवतारे की बेटी ममता से 2 फरवरी2014 को हुई। अब उनकी एक बेटी भी है।


बिहार कैडर के अधिकारी शिवदीप लांडे की पहली नियुक्ति मुंगेर जिले के नसल प्रभावित जमालपुर में हुई थी। पटना में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अनोखी कार्यशैली के कारण शिवदीप पूरे देश में प्रसिद्ध हो गये। पटना कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने मनचलों को खूब सबक सिखाया। लड़कियाँ खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी थी। छात्राओं के मोबाइल में उनका नंबर जरुर रहता था। पटना से जब उनका अररिया तबादला हो गया तो लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। स्थानांतरण के बावजूद लोगों की दीवानगी उनके प्रति कम नहीं हुई है। लड़कियों के फोन और एसएमएस उनको आते रहते हैं। इस पर शिवदीप का कहना है कि लोगों का भरोसा मुझ पर है, इसलिए वे मुझे फोन या एसएमएस करते हैं।


रोहतास कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने खनन माफियाओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्मी अंदाज में उन्होंने खुद जेसीबी चलाकर अवैध स्टोन क्रेशरों को नष्ट करना शुरू किया तो माफियाओं में हड़कंप मच गया। इस अभियान के बाद पुनः उनका तबादला कर दिया गया। लेकिन वे जहाँ भी रहते हैं, अपराध से समझौता नहीं करते हैं। उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा तीन साल के लिए महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति दी गई थी।

Editor's Picks