नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश पर लगाया आरोप, कहा राजद के दबाव में ताबड़तोड़ कर रहे निकायों का गठन

PATNA : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बाल श्रमिक आयोग के गठन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि श्रममंत्री के नाते वर्ष 2017 में 3-3 बार बाल श्रमिक आयोग का गठन करने हेतु संचिका मुख्यमंत्री को भेजे थे। लेकिन वे इन संचिकाऔ पर कुंडली मारकर बैठ गये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब ताबड़तोड आयोग का गठन कर रहे हैं लेकिन वर्ष 2017 से 2022 की अवधि में उन्होंने एक भी निगम, आयोग या 20 सूत्री समिति तक का गठन नहीं किया। पलटने के तुरंत बाद वे अब आयोग के गठन में जुट गये हैं। सिन्हा ने कहा कि 2017 में उन्होंने 4-5 बार आयोग /निगम/बोर्ड आदि के गठन हेतु सरकार के साथ लगातार संवाद किया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने इन निकायों का गठन नहीं होने दिया। यहॉं तक की पी.पी/ ए.पी.पी आदि पदों पर प्रतिनियुक्ति के लिये भी मुख्यमंत्री  ने मंजूरी नहीं दी और अभी तक राजद काल के पेनल से ही काम चलाया जा रहा है। अब राजद के सुपर सी0 एम0 के दबाब में ये तडा़तड निकायो के गठन में जुट गये है।

सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जनादेश का अपमान करते हुये अस्वाभाविक गठबंधन बनाकर अपने स्वार्थ एवं अहंकार की बदौलत राज्य की जनता को बदहाली की हालत में ढकेल रहे है। भारतीय जनता पार्टी  के साथ रहते हुये इन्होंने हमेशा छोटा दिल एवं ओछापन दिखाया है। इसका ज्वलंत उदाहरण यह भी है कि भाजपा के साथ शासन काल में चल रही नियुक्ति, प्रक्रिया को इन्होंने पूरा नहीं होने दिया। अब उसी समय की नियुक्ति प्रक्रिया के तहत सृजित पदों पर भर्त्ती करने का कार्यक्रम चला रहे है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरा बिहार ने देखा है कि मुख्यमंत्री किस प्रकार भारतीय जनता पार्टी पर अपना दल तोडने का आरोप लगा रहे थे। वास्तविकता यह थी कि इन्होंने अपने प्रधानमंत्री बनने के मंसूबा के लिये ये सारा खेल रचा है। सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री का लक्ष्य अब अपने और बड़े भाई के आदमी को बोर्ड, निगम, आयोग आदि की जिम्मेवारी देकर उन्हे लूट की छूट देना है। ताकि चुनाव मे ये काम आ सके। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कहने के लिये ये सात दलों का महागठबंधन लेकर चल रहे हैं। लेकिन जदयू एवं राजद को छोडकर गठबंधन के किसी दल को इन्होंने कोई हिस्सेदारी नहीं दी है। सिन्हा ने कहा कि राजद के डर के कारण ये अब लाचार एवं विवश हो गये हैं और न्याय के साथ विकास और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलेरेन्स को भूल गये है। मोकामा और राज्य की जनता इन सब बातों की याद आपको समय आने पर करा देगी।