शिक्षक बना शैतान ! बच्चे का 2 मिनट देर से आना गुजरा नागवार, मासूम को कर दिया लहूलुहान

BUXAR: के के पाठक को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद से ही सरकारी विद्यालय के कुछ शिक्षक मानसिक अवसाद में चले गए हैं। कल तक जिन्हें छात्रों का रति भरी भी प्रवाह नहीं होता था आज हालात ऐसे हो गए हैं कि यदि कोई छात्र सरकारी विद्यालय में 2 मिनट विलंब से पहुंचता है तो शिक्षक उसे ऐसे प्रताड़ित करते हैं जैसे मानो वह कोई अपराधी है। ताजा मामला डुमराव अनुमंडल के वासुदेवा मध्य विद्यालय का है। जहां पढ़ने वाले एक छात्र की शिक्षक ने ऐसा पिटाई की वह लोहे के दरवाजा से टकरा गया और उसका सर फट गया। सर से खून गिरता देख शिक्षक घबराकर उसे तीन बजे तक स्कूल में ही रोक कर रखे, और जब छात्र घर पहुंचा तो परिजनों ने उसे चोटिल देख जब स्कूल में शिकायत करने पहुंचे तो शिक्षक ने मामूली चोट लगने की बात कहकर मामले की रफा-दफा करने की कोशिश में लग गए।
पांचवी कक्षा का है छात्रः घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार बीते सोमवार को वासुदेवा गांव के रहने वाले बिट्टू कुमार मध्य विद्यालय वासुदेवा में पढ़ाई करने के लिए स्कूल पहुंचा तब तक प्रार्थना शुरू हो गई थी। छात्र को विलंब से आता देख शिक्षक कलामुद्दीन ने अपना आपा खो दिया और उसकी पिटाई करना शुरू कर दिया। इसी दौरान वह लोहे के गेट के हैंडल से जा टकराया और उसका सर फट गया। सर से खून गिरता देख शिक्षक ने डेटोल लगाकर उसे 3:00 बजे तक स्कूल में ही बैठाए रखा ।
क्या कहता है छात्रः शिक्षक की पिटाई से घायल छात्र बिट्टू कुमार ने बताया कि, प्रार्थना में विलंब से पहुंचने के कारण शिक्षक कलामुद्दीन ने पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान वह लोहे के गेट पर जा गिरा और उसका सर फट गया। जिसके बाद रुई को डेटॉल में भिंगोकर उस पर साट दिया। स्कूल में अक्सर प्रभारी प्रधानध्यापक मोहम्मद ईसा औऱ शिक्षक कलामुद्दीन के बीच लड़ाई और मारपीट होता है। इस मारपीट में कई कुर्सियां अब तक टूट चुकी है।
क्या कहते है अभिवाहकः पीड़ित छात्र के पिता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि, उनका पुत्र बिट्टू कुमार पांचवी क्लास में पढ़ता है। और जब वह घर लहूलुहान होकर आया तो हम लोग शिकायत लेकर स्कूल में पहुंचे। जहां शिक्षक कलामुद्दीन ने अपनी गलती मानने के बजाए हमलोगों को ही धमकाने की लहजा में बोला कि मामूली चोट लगी है जो करना है कर लेना। जिसके बाद हमलोग अपने बच्चे को लेकर सदर अस्पताल गए। जहां डॉक्टरों ने उसके सर पर तीन टांके लगाएं, प्रशासन से में लगातार इंसाफ के लिए गुहार लगा रहा हूं।
स्कूल प्रशासन की सफाईः इस मामले को लेकर हमने स्कूल प्रशासन से बात की तो, प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद ईशा ने बताया कि, बच्चे को खेलने के दौरान खुद से चोट लगी है। और बच्चा यह खुद कई बार बोल चुका है। बेवजह इस मामले को तूल देने की कोशिश हो रही है।
जिलाधिकारी ने दिया जांच का आदेशः मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने पूरे मामले की जांच का आदेश एसडीएम डुमराव कुमार पंकज को दी है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूल में बच्चों को शारिरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना अपराध की श्रेणी में आता है। जांच के बाद यदि मामला सही पाया जाता है। तो शिक्षक पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा- 17 के अनुसार स्कूल में बच्चो को शारीरिक एवं मानसिक रूप प्रताड़ित करना उसकी जाति, धर्म, या उसके आर्थिक स्थित को लेकर भेदभाव करना अपराध की श्रेणी में आता है।