वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़ा गया पानी, बाढ़ के खतरे से खौफ में लोग, दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा

वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़ा गया पानी, बाढ़ के खतरे से खौफ में लोग, दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा

बेतिया- नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रहीं भारी वर्षा के बाद वाल्मीकिनगर गंडक बराज़ से आज भी 2 लाख 70 हज़ार क्यूसेक पानी का नदी में डिस्चार्ज किया गया है जिसके बाद दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, पिपरासी औऱ ठकरहां प्रखंड के गांवों समेत चकदहवा औऱ झंडू टोला SSB कैंप के साथ बीन टोली में बाढ़ का पानी घुसकर तबाही मचा रहा है। 

गंडक नदी तट के लोग नदी के रौद्र रूप औऱ नदी में उफ़ान देखकर डरे सहमें हुए हैं। हालांकि कल से हीं निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित औऱ ऊँचे स्थानों पर जाने को लेकर प्रशासन द्वारा सलाह दीं जा रहीं है कुछ लोगों को सुरक्षित पहुंचाया भी गया है तो वहीं कुछ लोग अभी भी दियारा के तरफ़ फंसे हुए हैं जिन्हें लोग निजी औऱ छोटे नावों के सहारे सुरक्षित बाहर निकालने में जोखिम उठा रहें हैं। दरअसल खेती किसानी औऱ मवेशियों के चारा लाने गंडक नदी उस पार जाने कि लाचारी औऱ मजबूरी है लिहाजा रोक के बावजूद कई लोग गंडक नदी के अलग अलग घाटों से नदी कि तेज़ धार पार रोक दियारा तरफ़ आवाज़ाही क़र रहें हैं जो कहीं से भी मुनासिब नहीं है तो वहीं कुछ लोग प्रशासन द्वारा इसकी व्यवस्था करने कि मांग क़र रहें हैँ। ताकि जान माल का कोई नुकसान न हों,

इधर इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज़ नियंत्रण कक्ष से लगातार नदी के पानी का मॉनिटरिंग किया जा रहा है औऱ सभी फाटक उठाकर निगरानी रखी जा रहीं है तो वहीं कल से सामुदायिक किचन शुरू करवाने कि तैयारी चल रहीं है।

ऐसे में लोगो कि नदी उस पार आने जाने कि लाचारी औऱ गंडक नदी का पानी आगे औऱ क्या रूप दिखाता है देखने वाली बात होगी लेकिन फिलहाल गंडक लोगों को डरा रहीं है औऱ बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसने को बेताब है।

रिपोर्ट- आशिष कुमार 

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