दुनिया में तेजी से बढ़ रही है आबादी, जानें भारत और चीन के बाद तीसरे नंबर कौन सा देश है काबिज?

जनसंख्या वृद्धि का सीधा असर आर्थिक विकास, पर्यावरण, और सामाजिक कल्याण पर पड़ता है।

दुनिया में तेजी से बढ़ रही है आबादी, जानें भारत और चीन के बाद तीसरे नंबर कौन सा देश है काबिज?
दुनिया में तेजी से बढ़ती आबादी- फोटो : freepik

World Population Day 2024: हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उससे संबंधित सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

वैश्विक आंकड़े 

1950: 2.5 बिलियन

2022: 8 बिलियन

2030 (अनुमानित): 8.5 बिलियन

2050 (अनुमानित): 9.7 बिलियन

2100 (अनुमानित): 10.9 बिलियन

एशिया और अफ्रीका में सबसे तेजी से जनसंख्या वृद्धि

एशिया और अफ्रीका में सबसे तेजी से जनसंख्या वृद्धि हो रही है। वहीं भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। भारत ने 2023 में 1.42 अरब की जनसंख्या के साथ चीन को पीछे छोड़ दिया। इसके पीछे की वजह से जीवन प्रत्याशा में वृद्धि। हालांकि, प्रजनन दर में कमी के बावजूद जनसंख्या गति का प्रभाव बढ़ रहा है।

भविष्य का अनुमान

भारत की जनसंख्या 2050 तक स्थिर हो सकती है। यदि मौजूदा वृद्धि दर जारी रहती है, तो 75 वर्षों में जनसंख्या दोगुनी हो सकती है।

दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अधिक आबादी वाले देश (2024)

रैंक      देश              आबादी

1    भारत                 1,441,719,852

2    चीन                  1,425,178,782

3    अमेरिका           341,814,420

4    इंडोनेशिया         279,798,049

5    पाकिस्तान          245,209,815

6    नाइजीरिया          229,152,217

7    ब्राजील               217,637,297

8    बांग्लादेश           174,701,211

9    रूस                  143,957,079

10    इथियोपिया       129,719,719

विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व

विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत 1987 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी, जब वैश्विक जनसंख्या 5 बिलियन तक पहुंची। इसे 1990 से हर साल मनाया जाता है। इसका मकसद है जनसंख्या वृद्धि से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना। परिवार नियोजन, लैंगिक समानता और मातृ स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाना। विकासशील देशों में गरीबी और शिक्षा के स्तर को सुधारने की पहल। विश्व जनसंख्या दिवस इस बात का अवसर प्रदान करता है कि जनसंख्या वृद्धि की समस्याओं को समझा जाए और उनके समाधान की दिशा में प्रयास किए जाएं।

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