UP NEWS: यूपी भाजपा अध्यक्ष की रेस में शामिल कई दिग्गज चेहरे, होली के बाद हो सकता है ऐलान संभव

UP NEWS: यूपी भाजपा अध्यक्ष की रेस में शामिल कई दिग्गज चेहरे, होली के बाद हो सकता है ऐलान संभव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित नहीं हो पा रहा है, और इसके पीछे कई कारण हैं। दरअसल, बीजेपी के पार्टी नियमों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जिला अध्यक्षों के चुनाव के बाद ही होता है। जिला अध्यक्षों का चुनाव मंडल अध्यक्ष करते हैं, और मंडल अध्यक्ष जिला अध्यक्षों का चयन करते हैं। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव राज्य स्तरीय सम्मेलन में जिला अध्यक्षों द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया के कारण राज्य परिषद के चुनाव में देरी हो रही है, जिससे प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भी देरी हो रही है। इस वजह से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी देरी हो रही है।


उत्तर प्रदेश बीजेपी पार्टी के लिए बहुत अहम राज्य है, और इस चुनाव में कई चीजों का ध्यान रखा जा रहा है। 2022 में जब भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, तो उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अच्छी ट्यूनिंग पर ध्यान दिया गया था। अब नए प्रदेश अध्यक्ष में भी यह महत्वपूर्ण होगा कि उनका राज्य नेतृत्व के साथ अच्छा संबंध हो। पार्टी के सामने अब बड़ी चुनौती 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव की है। 2024 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी अब अपनी स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रही है, और इसमें प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे और विजन की बड़ी भूमिका होगी।


जिला स्तर पर अध्यक्षों के चुनाव और नाम के ऐलान में देरी से स्थिति जटिल हो गई है। अब पार्टी तेजी से जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर रही है, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा। बीजेपी के लिए जिला अध्यक्षों का चुनाव एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, अब पार्टी अपनी रणनीति को तय करने में जुटी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा।


उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के नाम को लेकर अब एक नई खबर सामने आ रही है। माना जा रहा है कि होली के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी, और इसके साथ ही 2027 के विधानसभा चुनाव की दिशा और दशा का भी निर्धारण हो जाएगा। यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई संभावित चेहरे सामने आ रहे हैं। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए ब्राह्मण या वैश्य समाज से किसी नेता का चुनाव हो सकता है। यह भी साफ है कि जो भी प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा, उनकी प्रदेश के मौजूदा नेतृत्व से अच्छी ट्यूनिंग होगी और सामाजिक समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा। इस बार, पार्टी चेहरे की छवि को खास अहमियत दे रही है, क्योंकि आगामी चुनावों में उनका बड़ा रोल होगा।


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है। पार्टी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी की आक्रामकता और केशव प्रसाद मौर्य की नेतृत्व क्षमता वाले नेता की तलाश में है। हरीश द्विवेदी, बीएल वर्मा, श्रीकांत शर्मा, विजय बहादुर पाठक, विद्या सागर सोनकर और अमरपाल शर्मा जैसे कई नामों पर विचार हो रहा है। इसके अलावा, पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का नाम भी इस दौड़ में शामिल हो गया है। दिनेश शर्मा, जो डिप्टी सीएम पद पर अपने सॉफ्ट नेचर और संगठनात्मक क्षमता के लिए जाने जाते हैं, को लेकर चर्चा है। उन्होंने हाल ही में अपने लुटियंस स्थित तुगलक लेन आवास का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग कर दिया, जो खबरों में आया। 2022 के चुनावों के बाद उनकी जगह ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बना दिया गया था, लेकिन उनका नाम अभी भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए विचाराधीन है। इस समय यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने के बाद ही 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति और दिशा साफ होगी।

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