Patna Sahib: पटना साहिब और अमृतसर के पवित्र तख्तों में उबाल, अकाल तख्त के हुकुमनामे को पंच प्यारों ने ठुकराया , सुखबीर बादल तलब, गुरुद्वारा प्रबंधन में हलचल

Patna Sahib: श्री अकाल तख्त के हुकुमनामे ने सिख पंथ के दो पवित्र तख्तों—पटना साहिब और अमृतसर—के बीच तनाव की आग भड़का दी है।

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सुखबीर बादल तलब- फोटो : Meta

Patna Sahib:  श्री अकाल तख्त के हुकुमनामे ने सिख पंथ के दो पवित्र तख्तों—पटना साहिब और अमृतसर—के बीच तनाव की आग भड़का दी है। पटना साहिब के पंच प्यारों ने अकाल तख्त के आदेश को ठुकराते हुए सिख समुदाय में सनसनी मचा दी। इस ऐतिहासिक विद्रोह में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को तख्त श्री हरिमंदिरजी में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का फरमान सुनाया गया है। साथ ही, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी बाबा टेक सिंह और ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज को दोषी ठहराया गया, जबकि पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन पर लगे आरोपों को पंच प्यारों ने बरकरार रखा। 

यह पूरा मामला श्री अकाल तख्त के एक हुकूमनामा  से शुरू हुआ। इस हुकूमनामा के बाद पटना साहिब में पंच प्यारों की एक जरूरी बैठक हुई। इस बैठक में पंच प्यारों ने अकाल तख्त के आदेश को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने सुखबीर सिंह बादल को भी गुरुद्वारे में आकर अपना पक्ष रखने को कहा है।

हुकुमनामे की खबर जैसे ही पटना साहिब पहुंची, वहां के सिख समुदाय में रोष की लहर दौड़ गई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए SDO सत्यम सहाय और DSP डॉ. गौरव कुमार को सूचित किया, जिसके बाद गुरुद्वारे की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। पंच प्यारों ने प्रबंधक कमेटी को अकाल तख्त के आदेशों की अवहेलना करने और वहां जाने से रोकने का सख्त निर्देश दिया। जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह की अगुवाई में हुई बैठक में यह साफ कर दिया गया कि अकाल तख्त का हुकुमनामा पटना साहिब की पवित्र मर्यादा के खिलाफ है। 

SDO और DSP ने दोनों पक्षों के साथ शांतिपूर्ण बातचीत की, मगर तनाव का माहौल अब भी बरकरार है। यह विवाद सिख पंथ के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है, जहां पवित्र तख्तों की मर्यादा और सत्ता का सवाल गूंज रहा है।