Stampede In Maha Kumbh 2025: : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम तट पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में कथित तौर पर 17 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। भारी भीड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी। प्रशासन ने मौत की पुष्टि नहीं की है।
संगम तट पर लाखों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं में अचानक अफवाह फैल गई, जिसके कारण भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे, जिससे कई लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, भीड़ इतनी अधिक थी कि लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना और एनएसजी को तैनात किया गया है। भारी भीड़ के कारण अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं से अपील कर रहा है कि वे शांत रहें और जहां पर हैं वहीं बने रहें। साधु-संतों ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
पीएम मोदी का संज्ञान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर घटना की जानकारी ली है।
अमृत स्नान रद्द
महाकुंभ के संगम स्थल पर हुई भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने सभी 13 अखाड़ों के लिए आज का अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार मेला क्षेत्र के सेक्टर 2 में स्थित केंद्रीय अस्पताल में किया जा रहा है।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जानकारी दी कि अफवाहों के चलते भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में सक्रिय है। इसके साथ ही, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने आज के शाही स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है। घटना के पश्चात संगम तट पर NSG कमांडो की तैनाती की गई है। आम लोगों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और सीमा पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। अब लोगों को महाकुंभ में आने से रोका जा रहा है।
हिंदू धर्म के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। मनु ऋषि को सनातन धर्म में मानवता के पहले पुरुष के रूप में माना जाता है। यह मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान करने से शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है। इस दिन मौन रहकर और योगाभ्यास करने से मन को शांति प्राप्त होती है।