Bihar politics: विधानसभा इलेक्शन के पहले बिहार में बड़ा उलटफेर! प्रशांत किशोर को मिला JDU के इस कद्दावर नेता का साथ, मिल के लड़ेंगे चुनाव
Bihar politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर की मौजूदगी में जन सुराज पार्टी जॉइन की। उनकी पार्टी 'आप सबकी आवाज' का जन सुराज में विलय हो गया।

Bihar politics: बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता रहे आरसीपी सिंह ने रविवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जसुपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसी के साथ उनकी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ (आसा) का आधिकारिक रूप से जन सुराज में विलय हो गया। यह कदम न सिर्फ उनके राजनीतिक भविष्य के लिए, बल्कि बिहार में विकल्प की राजनीति की दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।
सात महीने पहले बनाई थी ‘आसा’, अब हुआ विलय
आरसीपी सिंह ने जेडीयू से अलग होकर करीब सात महीने पहले ‘आसा’ पार्टी की नींव रखी थी। तब उन्होंने दावा किया था कि उनके पास 140 विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत प्रत्याशी हैं और उनका संगठन बूथ स्तर तक सशक्त है। लेकिन अब यह सब इतिहास का हिस्सा बन गया है क्योंकि वह खुद प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल हो गए हैं।
नीतीश कुमार के करीबी से विरोधी तक का सफर
एक समय आरसीपी सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे विश्वसनीय व्यक्ति माना जाता था। वे न केवल राज्यसभा सांसद बने बल्कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसद में पार्टी के नेता भी रहे। लेकिन नीतीश से मतभेद और सियासी दूरी ने उनके राजनीतिक करियर को नई दिशा में मोड़ दिया। जेडीयू से हटने के बाद वे भाजपा के करीब आए और अपनी अलग पार्टी बनाई। अब उन्होंने पीके यानी प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज की विचारधारा को अपनाते हुए अपनी पार्टी का विलय कर दिया है।
आरएसएस मॉडल से लेकर राम मंदिर तक का जुड़ाव
जब आरसीपी जेडीयू में थे, तब भी वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तर्ज पर संगठन को मजबूत करने की बात करते थे। 2021 में उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए 1,11,111 रुपए का चंदा भी दिया था। इससे यह भी संकेत मिला था कि उनका झुकाव हिंदुत्व की राजनीति की ओर बढ़ रहा है। यही रुझान आगे चलकर भाजपा से उनकी नजदीकी और फिर अलग पार्टी के गठन में झलकता है।
पढ़ाई और प्रशासनिक पृष्ठभूमि
आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने पटना कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स और जेएनयू, नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। इस शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव ने उन्हें राजनीति में विशिष्ट पहचान दी।
जन सुराज में लगातार हो रही अहम नेताओं की एंट्री
आरसीपी सिंह से पहले पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक जीएस रामचंद्र दास भी जन सुराज पार्टी में शामिल हो चुके हैं। गया जिले से आने वाले जीएस रामचंद्र दास बोधगया और बाराचट्टी विधानसभा सीटों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे जन सुराज पार्टी की "व्यवस्था परिवर्तन" की सोच से प्रभावित होकर इसमें शामिल हुए हैं।