Wedding:निकाह की सेज सजी, बारात के ख्वाब लुटे... इश्क में वफा की जगह निकला धोखे का 'अमन

एक दुल्हन सजी-धजी बैठी थी, हाथों में मेंहदी, आंखों में सपने, दिल में इंतज़ार... मगर साहब! दूल्हा अमन निकला बेवफा...

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निकाह की सेज सजी, बारात के ख्वाब लुटे... - फोटो : Meta

Wedding: मोहब्बत की कहानी निकाह की मंजिल तक आते-आते ऐसा मोड़ लेगी, किसी ने सोचा न था।यूपी के सीतापुर के लहरपुर के मोहल्ला ठठेरी टोला में एक दुल्हन सजी-धजी बैठी थी, हाथों में मेंहदी, आंखों में सपने, दिल में इंतज़ार... मगर साहब! दूल्हा अमन निकला बेवफा, और बारात तो जैसे किसी कहानी का अधूरा पन्ना बन गई।

दुल्हन का दिल तोड़ने की इस ‘ड्रामा-ए-दिलफरेब’ की पटकथा यूं लिखी गई कि तीन साल से इश्क के अफसाने गढ़ने वाला अमन, निकाह से ठीक पहले ऐसे गायब हुआ जैसे गरीब की थाली से घी। लड़की के अब्बू-अम्मी ने जब रिश्ता पक्का किया, तो 15 जुलाई की तारीख तय हुई  मगर निकाह के दिन दूल्हे मियाँ के पाँव में जैसे पर लग गए।

ना शहनाई बजी, ना बारात आई, ना 'अमन' की कोई ख़बर मिली...घर वाले रिश्तेदारों से लेकर खुदा तक को आवाज देते रहे, मगर साहब! इश्क का सारा तामझाम धोखे के तूफान में उड़ गया। अमन मियाँ तो पहले से ही घर छोड़कर ‘ग़ायब-ए-आशिक’ बन चुके थे।

जहां घर में नाच-गाना होना था, वहां पसरा रहा मातम। मेहमान ताज्जुब में, दुल्हन मायूस और घरवाले गुस्से में। आखिरकार, मोहब्बत में मिले इस जख्म को लेकर दुल्हन के परिजनों ने पुलिस की चौखट पर दस्तक दी।

अब सवाल ये है कि क्या अमन को उसके इस ‘इश्क-ए-फरार’ के लिए सजा मिलेगी? या फिर ये किस्सा भी समाज के उन अनगिनत बेवफ़ा अफसानों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा?

जिसने तीन साल तक मोहब्बत की नज्में लिखीं, वो निकाह की हकीकत से डरकर भाग गया... ये इश्क है जनाब, यहाँ हर ‘अमन’ सुकून नहीं लाता!