Bihar News: बिहार का अनोखा फाइटर, मगरमच्छों से सीख रहा ‘क्रोको स्टाइल’ फाइटिंग, जंगल में बिताता है पूरा दिन
Bihar News: बगहा में धर्मेंद्र कुमार मगरमच्छों के बीच ट्रेनिंग लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। वह जिम या कोच की बजाय मगरमच्छों की चाल, मूवमेंट और हमले की तकनीक से प्रेरित होकर ‘क्रोको स्टाइल’ फाइटिंग विकसित कर रहे हैं।

Bihar News: बिहार के बगहा जिले मेंधर्मेंद्र कुमार एक अनोखे अंदाज में सुर्खियां बटोर रहे हैं। जिम या किसी कोच की मदद लेने की बजाय, वह मगरमच्छों के बीच ट्रेनिंग कर ‘क्रोको स्टाइल’ नामक एक नई फाइटिंग तकनीक विकसित कर रहे हैं। मगरमच्छों की चाल, मूवमेंट और हमले की शैली से प्रेरित धर्मेंद्र का दावा है कि वह इस अनोखी शैली को रिंग फाइटिंग में पेश कर दुनिया को चौंका देंगे, जैसा कि मार्शल आर्ट्स लीजेंड ब्रूस ली ने सांप और बिल्ली की हरकतों से प्रेरणा लेकर किया था।
धर्मेंद्र रोज सुबह बगहा-1 प्रखंड के छत्रौल गांव से 12 किलोमीटर का सफर तय कर गोईती क्षेत्र के जंगल में पहुंचते हैं। यह जंगल 100 से ज्यादा मगरमच्छों का घर है। यहां वह न सिर्फ पुश-अप, स्ट्रेचिंग और अन्य व्यायाम करते हैं, बल्कि मगरमच्छों की हरकतों का गहराई से अध्ययन भी करते हैं। वह मगरमच्छों की ताकत, उनकी सटीकता और हमले की रणनीति को बारीकी से देखते हैं और इन्हें अपनी फाइटिंग तकनीक में ढालने की कोशिश करते हैं। धर्मेंद्र का कहना है, “मगरमच्छ की ताकत और उसका सटीक हमला प्रकृति का अनोखा उपहार है। मैं इसे सीखकर रिंग में नया स्टाइल लाना चाहता हूं।
धर्मेंद्र के इस अनोखे ट्रेनिंग सेशन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिन्हें हजारों लोग देख चुके हैं। कुछ लोग इसे खतरनाक मानते हैं, तो कुछ इसे बेहद प्रभावशाली और प्रेरणादायक बता रहे हैं। उनके वीडियो में वह मगरमच्छों के करीब व्यायाम करते और उनकी चाल की नकल करते नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, “यह जोखिम भरा है, लेकिन धर्मेंद्र का जुनून काबिल-ए-तारीफ है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “मगरमच्छों के बीच ट्रेनिंग? यह तो हॉलीवुड फिल्म जैसा है!”
हालांकि, धर्मेंद्र की इस ट्रेनिंग को वन विभाग और वन्यजीव विशेषज्ञ खतरनाक मान रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मगरमच्छ जंगली और अप्रत्याशित जानवर हैं, और उनके इतने करीब जाना जानलेवा हो सकता है। एक वन्यजीव विशेषज्ञ ने चेतावनी दी, “मगरमच्छों का व्यवहार समझना मुश्किल है। एक छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है।” इसके बावजूद, धर्मेंद्र का कहना है कि वह सावधानी बरतते हैं और मगरमच्छों के साथ एक तरह का तालमेल बना चुके हैं।
धर्मेंद्र का सपना है कि वह अपनी ‘क्रोको स्टाइल’ फाइटिंग तकनीक को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएं। वह कहते हैं, “ब्रूस ली ने जानवरों की चाल से प्रेरणा लेकर मार्शल आर्ट्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। मैं भी कुछ ऐसा ही करना चाहता हूं।” वह फिलहाल स्थानीय स्तर पर फाइटिंग इवेंट्स में हिस्सा ले रहे हैं और अपनी तकनीक को और निखारने में जुटे हैं।
मगरमच्छों जैसे खूंखार जीवों के बीच ट्रेनिंग करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि यह उनके दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। हालांकि, विशेषज्ञों की चेतावनी को देखते हुए, यह जरूरी है कि वह अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। क्या धर्मेंद्र अपनी ‘क्रोको स्टाइल’ फाइटिंग को दुनिया के सामने ला पाएंगे? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी यह अनोखी यात्रा निश्चित रूप से लोगों का ध्यान खींच रही है।