Bhagalpur News: भागलपुर की मन-मौजी इंस्पेक्टर पर IG विवेक कुमार का चला चाबुक! बिना अनुमति के ड्यूटी से गायब होना पड़ा भारी, लिया ये बड़ा फैसला
बिहार के भागलपुर में नवगछिया साइबर थाना में पदस्थापित इंस्पेक्टर मनोज कुमार को ड्यूटी से बिना अनुमति गायब रहने पर निलंबित कर दिया गया है। जानिए पूरा मामला, जांच रिपोर्ट और आईजी द्वारा की गई कार्रवाई।

Bhagalpur news: बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल स्थित साइबर थाना में तैनात इंस्पेक्टर मनोज कुमार को बिना अनुमति ड्यूटी से गायब रहने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक (IG) विवेक कुमार द्वारा पुलिस अधीक्षक (SP) प्रेरणा कुमार की अनुशंसा पर की गई है।
कब और कैसे हुआ ड्यूटी उल्लंघन?
31 मार्च 2024 को इंस्पेक्टर मनोज कुमार पटना चले गए थे।जबकि उन्हें 1 अप्रैल 2024 की शाम को साइबर थाना में ओडी (ऑफिसर ऑन ड्यूटी) के रूप में उपस्थित रहना था।किसी भी प्रकार की पूर्व अनुमति या अवकाश आवेदन नहीं दिया गया था।SP को शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई। जांच के दौरान थाना रजिस्टर की पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि इंस्पेक्टर ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थे।जब उन्हें कॉल कर पूछा गया तो उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि वे किसी भी प्रकार के अवकाश पर नहीं हैं।
आईजी ने कही "कर्तव्यहीनता और मनमानी" की बात
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आईजी विवेक कुमार ने अपने आदेश में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारी की स्वीकृति के बिना ड्यूटी से गायब रहना एक गंभीर कर्तव्यहीनता, मनमानी और लापरवाही का उदाहरण है।
निलंबन से जुड़ी प्रमुख जानकारी:
पद: इंस्पेक्टर मनोज कुमार
तैनाती स्थान: साइबर थाना, नवगछिया
उल्लंघन: ड्यूटी के दिन बिना अनुमति गायब रहना
स्थिति: तत्काल प्रभाव से निलंबित
निलंबन अवधि का मुख्यालय: नवगछिया पुलिस लाइन
यह निर्णय बिहार पुलिस सेवा अनुशासन नियमों के तहत लिया गया है।
आम जनता की भी थीं शिकायतें
इंस्पेक्टर मनोज कुमार के व्यवहार को लेकर स्थानीय नागरिकों की तरफ से भी कई शिकायतें पुलिस प्रशासन को दी गई थीं। बताया गया कि फरियादियों की समस्याएं सुनने से अक्सर इंस्पेक्टर परहेज करते थे।कई लोगों ने आरोप लगाया कि वे लापरवाही और रूखेपन से पेश आते हैं। इन शिकायतों ने पुलिस प्रशासन को यह संकेत दिया कि यह सिर्फ ड्यूटी से गायब रहने का मामला नहीं है, बल्कि व्यवहारिक अनुशासनहीनता और जनता के साथ असंवेदनशीलता का भी है।