Bhagalpur Hanuman temple: सैदपुर हनुमान मंदिर, 600 साल पुरानी आस्था की जीवंत मिसाल, जानें गांव की कैसे कर रहा रक्षा

भागलपुर जिले के सैदपुर गांव में स्थित 600 साल पुराना हनुमान मंदिर एक सिद्ध पीठ के रूप में विख्यात है। जानिए मंदिर की रहस्यमयी स्थापना, कथा और भक्तों की आस्था की कहानियां।

Bhagalpur Hanuman temple: सैदपुर हनुमान मंदिर, 600 साल पुरान
Bhagalpur- फोटो : news4nation

Bhagalpur Hanuman temple: भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड में स्थित सैदपुर गांव का यह हनुमान मंदिर लगभग 600 वर्ष पुराना माना जाता है। इस मंदिर को एक सिद्ध पीठ माना जाता है, जिसकी स्थापना से जुड़ी एक अद्भुत कथा लोकमान्यताओं में प्रचलित है।

पौराणिक कथा

बताया जाता है कि एक दिन कुछ कौवे आपस में बात कर रहे थे कि यह स्थान सिद्ध भूमि है और यहां बजरंगबली की स्थापना होनी चाहिए। इन बातों को एक ऐसे व्यक्ति ने सुना, जिसे पक्षियों की भाषा समझ में आती थी। उसने यह बात गांव वालों को बताई और डिब्बर गिरी महाराज द्वारा यहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की गई।

NIHER

नागा बाबा की तपोभूमि

यह स्थान पहले नागा बाबा की तपोभूमि भी रहा है। एक कथा के अनुसार नागा बाबा एक दिन ध्यान कर रहे थे और धरती से लगभग एक हाथ ऊपर उठकर ध्यानस्थ हो गए थे। एक बालक ने यह दृश्य देखा, और परिवार को बता दिया। बाबा ने कहा था कि यह बात किसी को नहीं बताना... पर जैसे ही बात उजागर हुई, उस बालक का निधन हो गया। यह घटना आज भी लोगों की श्रद्धा और रहस्य को गहराता है।

Nsmch

रामनवमी पर विशेष आयोजन और हनुमान ध्वजा

हर वर्ष रामनवमी के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान नौ रामायण पाठक पूरी रामकथा का पाठ करते हैं।पाठ के बाद हनुमान जी को ध्वजा अर्पित किया जाता है।यह ध्वज गांव के सभी श्रद्धालुओं की ओर से सामूहिक रूप से चढ़ाया जाता है।पूरे गांव की एक ही जगह ध्वजा गाड़ी जाती है, जो यह दर्शाता है कि हनुमान जी यहां ग्राम देवता के रूप में पूजित हैं।यह आयोजन सामूहिक एकता, श्रद्धा और आस्था का अद्वितीय उदाहरण है।

देश-विदेश से भक्तों का आगमन: आस्था की वैश्विक पहचान

सैदपुर का यह मंदिर केवल स्थानीय श्रद्धालुओं तक सीमित नहीं है। यहां जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की धर्मपत्नी यहां पूजा के लिए आई थीं।बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी अपने पूरे परिवार के साथ दर्शन कर चुके हैं।बेल्जियम में भारतीय राजदूत आशुतोष सलिल ने मनोकामना पूर्ण होने पर ध्वजा अर्पित की थी।इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि मंदिर की ख्याति और चमत्कारिक प्रभाव लोगों के जीवन में गहराई से जुड़ चुका है।

गंगा कटाव से चमत्कारिक रक्षा: आस्था या चमत्कार?

सैदपुर गांव के निकट 2008 से गंगा नदी का कटाव शुरू हुआ, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि ग्रामीण देवता बजरंगबली की कृपा से हमारा गांव अब तक कटाव से सुरक्षित है।गांव के चारों ओर गंगा बहती है, लेकिन आज तक इस स्थान पर कोई भौगोलिक नुकसान नहीं हुआ है। यह एक प्रकार का लोकविश्वास बन गया है कि हनुमान जी की कृपा से यह भूमि सुरक्षित है।

आस्था, परंपरा और चमत्कार की जीवंत धरती

सैदपुर हनुमान मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सदियों पुरानी परंपरा, लोककथा, और आस्था का संगम है। यहां की हर कहानी, हर आयोजन और हर श्रद्धालु इस मंदिर को सजीव संस्कृति और विश्वास का प्रतीक बनाता है।

भागलपुर से balmukund kumar कि रिपोर्ट