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JDU VS BJP: नीतीश के खास विधायक ने BJP के बड़े नेता को अगली पंक्ति से भगाया,गाली गलौज भी किया,भारी बवाल

बिहार के भागलपुर के जदयू विधायक की दबंगई की घटना एक बार फिर से सभी को चौंका रही है। भागलपुर के दबंग जदयू विधायक गोपाल मंडल के किस्से काफी प्रसिद्ध रहे हैं, और यही कारण है कि विवाद हमेशा उनके साथ जुड़ा रहता है।

JDU VS BJP, Gopal mandal
जदयू विधायक की दबंगई- फोटो : Social Media

JDU VS BJP: बिहार के भागलपुर में जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल का एक और कारनामा सामने आया है। गोपाल मंडल का गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कुर्सी को लेकर एक विवाद उत्पन्न हुआ। गोपाल मंडल समारोह में अपनी कुर्सी की व्यवस्था को लेकर असंतुष्ट दिखाई दिए और इस मुद्दे पर इस प्रकार भड़क गए कि उन्होंने सभी मर्यादाओं को भुला दिया। उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों की बौछार करते हुए भाजपा के जिलाध्यक्ष को अगली पंक्ति में रखी कुर्सी से उठाकर जबरन पीछे की पंक्ति में भेज दिया। गोपाल मंडल के इस व्यवहार पर भाजपा ने अब आक्रामक रुख अपनाया है। पूर्व सांसद और भाजपा नेता अनिल कुमार यादव ने जदयू से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर नवगछिया में आयोजित कार्यक्रम में गोपालपुर के जदयू विधायक गोपाल मंडल ने जब भाग लिया, तो कुर्सियों की व्यवस्था को लेकर वे नाराज हो गए। उन्होंने अपनी कुर्सी स्वयं आगे रखी और इस दौरान जो भी लोग बीच में आए, उनके प्रति उन्होंने असभ्य शब्दों का प्रयोग किया। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें विधायक अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

घटनाक्रम के दौरान विधायक की नाराजगी को संभालने के लिए अनुमंडल  कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुमार और एसडीपीओ ओम प्रकाश ने फौरन हस्तक्षेप किया. दोनों अधिकारियों ने स्थिति को काबू में करते हुए विधायक के लिए मंच के बाहर विशेष कुर्सी और सोफे की व्यवस्था कराई. इसके बाद मामला शांत हुआ. वहीं, पास बैठे एक आम आदमी को उन्होंने उठाकर पीछे भेज दिया.गोपाल मंडल ने पहली पंक्ति में उनके समान बैठने वाले दो व्यक्तियों पर नाराजगी व्यक्त की। इनमें से एक भाजपा के जिलाध्यक्ष थे, जिन्हें उठकर पिछली पंक्ति में बैठना पड़ा।

गोपाल मंडल के इस व्यवहार पर भाजपा अब आक्रामक हो गई है। पूर्व सांसद अनिल कुमार यादव ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपनी असंतोष व्यक्त करते हुए जदयू से अनुरोध किया है कि गोपाल मंडल के खिलाफ इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने लिखा,' 26 जनवरी, जब पूरा देश गर्व और उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस का पर्व मना रहा था, उस पावन अवसर पर जदयू के विधायक गोपाल मंडल द्वारा झंडोत्तोलन समारोह के दौरान कार्यकर्ता को गाली-गलौज करना और हमारे भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार करना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह बिहार की राजनीति और जदयू के गिरते नैतिक स्तर का स्पष्ट प्रमाण है।

यह घटना बताती है कि जदयू में अनुशासन और मर्यादा का कोई स्थान नहीं बचा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा जी की चुप्पी जनता के बीच गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या गोपाल मंडल जैसे नेता पार्टी  के स्टार प्रचारक बन चुके हैं? या फिर पार्टी का अस्तित्व ही उनके इर्द-गिर्द सिमट गया है?

गणतंत्र दिवस, जो देशभक्ति और एकता का प्रतीक है, उस दिन इस तरह की घटनाएं न केवल बिहार की राजनीति को कलंकित करती हैं, बल्कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी आघात पहुंचाती हैं। ऐसे समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चुप्प रहना यह साबित करता है कि वह अपने विधायकों की मनमानी पर आंखें मूंदे बैठे हैं।

यह घटना बिहार के प्रशासन की निष्क्रियता और जदयू के भीतर अनुशासनहीनता की चरम सीमा को उजागर करती है। जनता यह जानना चाहती है कि नीतीश कुमार जी, संजय झा जी और ललन सिंह जी - गोपाल मंडल के इस व्यवहार पर क्या कदम उठाएंगे। अगर इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह उनकी नेतृत्व क्षमता और नैतिकता पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा।

26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व का अपमान और भाजपा नेताओं का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। जनता के लोकतंत्र और गणतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास बनाए रखने के लिए इस घटना पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। जदयू को यह तय करना होगा कि वह ऐसे गैर-जिम्मेदार और अनुशासनहीन नेताओं को कब तक ढोती रहेगी।'

वहीं आरजेडी अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष मोहम्मद मोइनुद्दीन ने कहा कि विधायक का बर्ताव गलत था. उन्होंने कहा कि उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि देश संविधान का 76वां सालगिरह मना रहा था. विधायक के साथ-साथ आम लोगों को भी अधिकार है कि वह कार्यक्रम में गर्व के साथ शरीक हो. 


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