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BIHAR NIGRANI COURT - रिश्वत लेने के आरोप में अमीन को तीन साल की जेल, निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला

BIHAR NIGRANI COURT - जमीन की मापी करने के लिए पांच लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए अमीन को तीन साल की सजा सुनाई गई है। यह फैसला निगरानी की विशेष कोर्ट ने सुनाया। इसके साथ ही अमीन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।

BIHAR NIGRANI COURT - रिश्वत लेने के आरोप में अमीन को तीन साल की जेल, निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला

PATNA  विशेष न्यायालय निगरानी पटना ने फैसला लेते हुए राजाराम सिंह, अमीन, राजगीर अंचल, नालंदा को  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित-2018) की धारा-7(a) में दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही अमीन पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। राजाराम सिंह पर यह कार्रवाई रिश्वत लेने को लेकर की गई है।

छह साल पहले का मामला

यह मामला राजगीर अंचल के जिला बंदोबस्त पदाधिकारी कार्यालय से जुड़ा है। जहां के अमीन  राजाराम सिंह थे। आरोप है कि छह साल पहले 9 अक्टूबर 2018 को उन्होंने परमानन्द सिंह से उनकी पुश्तैनी एवं माता-पिता के नाम से खरीदगी 20 बीघा जमीन के सर्वे के लिए प्रति बीधा एक लाख के हिसाब से बीस लाख रूपया रिश्वत की डिमांड की थी। जिसमें अंतिम रुप से पांच लाख रुपए में काम करने को लेकर सहमति बनी। जिसके बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने अमीन को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

 इस मामले का अनुसंधान तत्कालीन पुलिस निरीक्षक सुधीर कुमार द्वारा की गई, जिन्होने सटीक और समय पर आरोप-पत्र दायर किया। बिहार सरकार की ओर से  किशोर कुमार सिंह. प्रभारी विशेष लोक अभियोजक (निगरानी ट्रैच) ने प्रभावी तरीके से पैरवी की और आरोपी को दोष सिद्ध कराने में सफलता हासिल की। इस कांड में 10 गवाहों की गवाही कराई गई।

यह इस साल दूसरा मामला 

 15 जनवरी 2025 को राजनंदन कुमार श्यामला, प्रशाखा पदाधिकारी, कृषि विभाग, न्यू सचिवालय, पटना को भी निगरानी न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया था। इस प्रकार इस वर्ष 2025 में अभी तक न्यायालय द्वारा सजा दिये जाने का यह दूसरा मामला है।

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