Bihar News: पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह पर शिकंजा कसता जा रहा है।पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह के तबादले के बाद हुए फाइल गबन मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, डीसीएलआर कार्यालय से चार बिचौलियों की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं।
जांच में पता चला है कि मैत्री सिंह के कार्यकाल के दौरान इन बिचौलियों का एक गिरोह सक्रिय था, जो दाखिल-खारिज और भूमि विवाद के मामलों में मध्यस्थता कर पैसे कमाता था। ये लोग मैत्री सिंह के तबादले के बाद कार्यालय से सैकड़ों सरकारी दस्तावेज ले गए थे। दिलचस्प बात यह है कि डीसीएलआर कार्यालय का सीसीटीवी कैमरा बंद था, लेकिन दूसरे कार्यालय के सीसीटीवी में इनकी गतिविधियां कैद हो गईं।
जांच अधिकारियों के अनुसार, ये बिचौलिए मैत्री सिंह के ट्रांसफर के तुरंत बाद कार्यालय आए थे और एक इनोवा गाड़ी में दस्तावेज भरकर ले गए थे। इसके अलावा, मैत्री सिंह ने भी अपने ट्रांसफर के अगले दिन ही कार्यालय से सोफा, टेबल और अन्य सामान ले लिए थे और सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने का प्रयास किया था।पुलिस अब इन बिचौलियों की पहचान करने और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह 22 अक्टूबर को तबादले के बाद भी 255 दाखिल-खारिज अभिलेखों का निष्पादन बैकडेट में किया। इतना ही नहीं, स्थानांतरण के बाद भी वह सरकारी दस्तावेज अपने साथ ले गईं।पटना सदर की पूर्व जिला भू-अधिग्रहण पदाधिकारी मैत्री सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गई हैं। 22 अक्टूबर को तबादले के बाद भी उन्होंने 255 दाखिल-खारिज के अभिलेखों का निष्पादन बैकडेट में किया और कई सरकारी दस्तावेज अपने साथ ले गईं।
पटना के जिलाधिकारी (डीएम) के निर्देश पर हुई जांच में पता चला कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी थीं। बाद में उन्होंने 255 फाइलें लौटा दीं, लेकिन 451 फाइलें अभी भी लापता हैं। इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित किए जाने की आशंका है।इससे पहले, डीएम के जनता दरबार में कई लोगों ने शिकायत की थी कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे हैं।जांच में यह भी पता चला है कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब हैं।डीएम ने मैत्री सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं।