Bihar news: कटिहार के बारसोई गोलीकांड में तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी राजेश्वरी पांडेय की प्रशासनिक विफलता प्रमाणित हुई है. तत्कालीन एसडीओ मामले की गंभीरता का पूर्वानुमान करने में असफल रहे. अगर वे स्वयं पुलिस पदाधिकारियों के साथ ससमय घटनास्थल पर पहुंचे होते तो शायद भीड़ को उग्र होने से रोका जा सकता था. अनियंत्रित भीड़ होने की वजह से ही पुलिस बल को आत्मरक्षा में हवाई फायरिंग करनी पड़ी. जिसमें दो लोगों की मृत्यु हुई तथा एक व्यक्ति घायल हुआ था. तत्कालीन एसडीओ की इस लापरवाही को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोप वर्ष 2023-24 के लिए निंदन एवं एक वेतन वृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड दिया है .
26 जुलाई 2023 को हुआ था गोली कांड
दरअसल, कटिहार के जिलाधिकारी ने 3 जुलाई 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग को प्रपत्र-क गठित का रिपोर्ट दिया था. जिसमें कहा गया था कि तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी बारसोई राजेश्वरी पांडेय के पदस्थापन काल में 26 जुलाई 2023 को कटिहार के बारसोई प्रखंड परिसर स्थित विद्युत उप केंद्र में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था. इस कार्यक्रम को आरोपित पदाधिकारी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया . ससमय समुचित कार्रवाई नहीं की गई. जिस वजह से विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई. विधि व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी. इस क्रम में गोली लगने से दो प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हुई तथा एक व्यक्ति घायल हो गया था.
तत्कालीन एस़डीओ की प्रशासनिक विफलता
कटिहार जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए आरोप पत्र की सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा समीक्षा की गई. इसके बाद आरोपी एसडीओ राजेश्वरी पांडेय से स्पष्टीकरण मांगा गया. इनके द्वारा भेजे गए जवाब की अनुशासनिक प्राधिकार ने समीक्षा की. जिसमें पाया गया की तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी बारसोई की प्रशासनिक विफलता प्रमाणित हो रही है. मामले की गंभीरता का पूर्वानुमान लगाने में ये विफल रहे. साथ ही घटनास्थल पर अगर ससमय पहुंचे होते तो भीड़ को उग्र होने से रोका जा सकता था.