LATEST NEWS

Action Of ED: महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के प्रमुख को ED ने बिहार से किया गिरफ्तार,पटना, दिल्ली दार्जिलिंग सहित एक और ठिकाने पर छापेमारी

ईडी ने महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के फर्जीवाड़ा मामले में प्रमुख संचालक जवाहर लाल शाह को गिरफ्तार किया। जानें कैसे 100 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ।

Action Of ED:  महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के प्रमुख को ED ने बिहार से किया गिरफ्तार,पटना, दिल्ली दार्जिलिंग सहित एक और ठिकाने पर छापेमारी
फर्जीवाड़े में ईडी की कार्रवाई- फोटो : freepik

Mahua Group Ponzi Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के फर्जीवाड़े में कंपनी के प्रमुख संचालक जवाहर लाल शाह को गिरफ्तार कर लिया है। मुजफ्फरपुर से सोमवार देर रात उनकी गिरफ्तारी हुई। इस गिरफ्तारी से पहले, ईडी ने पटना, दिल्ली, और दार्जिलिंग में चार ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच से कई अन्य खुलासे होने की संभावना है।

फर्जीवाड़ा का modus operandi

महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी, जो उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में सक्रिय थी, पोंजी स्कीम के तहत लोगों को ठग रही थी। कंपनी के संचालक जवाहर लाल शाह, सहारा इंडिया कंपनी में काम करने के बाद, अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर महुआ कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी ने विभिन्न आकर्षक योजनाओं के माध्यम से लोगों से निवेश कराए, लेकिन कुछ वर्षों बाद अचानक अपना संचालन बंद कर दिया और निवेशकों का पैसा लेकर फरार हो गई।

ईडी की जांच और कार्रवाई

महुआ ग्रुप के फर्जीवाड़े की जांच स्थानीय थाना और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के स्तर पर शुरू की गई थी, लेकिन बाद में यह मामला ईडी को सौंपा गया। ईडी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जवाहर लाल शाह को गिरफ्तार किया और जल्द ही अन्य संलिप्त व्यक्तियों को समन जारी कर पूछताछ करने की योजना बना रही है।

पोंजी स्कीम का विस्तार

महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के नाम पर आधा दर्जन से अधिक अन्य कंपनियां भी संचालित हो रही थीं, जिनकी जांच ईडी द्वारा की जा रही है। इस फर्जीवाड़े में विभिन्न स्तर के लोगों के फंसने की संभावना है। जांच में अब तक 100 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है, और इस राशि में वृद्धि हो सकती है।

महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी

महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के फर्जीवाड़े ने एक बार फिर पोंजी स्कीम के खतरों को उजागर किया है। ईडी की इस कार्रवाई से न केवल निवेशकों के हितों की रक्षा होगी, बल्कि अन्य फर्जी कंपनियों को भी सबक मिलेगा। नागरिकों को ऐसे निवेश प्रस्तावों से सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए।

Editor's Picks