Muzaffarpur Crime News - मुजफ्फरपुर आरपीएफ की बड़ी कारवाई में चार बाल तस्करों के चंगुल से 19 बच्चे आजाद कराए गए। बिहार में गरीब परिवार के बच्चों को अच्छी कमाई और सुविधाओं का लालच देकर देश के दूसरे राज्यों में मजदूरी कराने को लेकर ले जाने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। वही बच्चों को काम के बदले एक तो बहुत कम पैसा दिया जाता ही है, साथ ही उनसे काम भी ज्यादा लिया जाता है। पुलिस इस बात की जांच में भी जुटी है की यह गिरोह अब तक कितने बच्चों को बाल श्रम में धकेल चुका है।
मुजफ्फरपुर के रेल एसपी विद्यासागर ने बताया
इस मामले को लेकर मुजफ्फरपुर के ग्रामीण एसपी सह प्रभारी रेल एसपी विद्यासागर ने बताया कि गुरुवार को आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी साथ 'बचपन बचाओ' आंदोलन के APO की सूचना पर ऑपरेशन आहट के तहत मानव तस्करी की रोकथाम के लिए गाड़ी संख्या 12407 कर्मभूमि एक्सप्रेस के जनरल कोच की तलाश ली।
बच्चों को 8000/- रुपया महिना दिया जाता मजदूरी
उन्होंने बताया कि जनरल कोच में कुछ डरे- सहमे बच्चों को बैठे पाया गया, जब इन बच्चों से पूछताछ की गई तो कुछ बच्चों ने बताया कि हमें अंबाला , जालंधर, लुधियाना ( पंजाब ) में मजदूरी का काम कराने के लिए ले जाया जा रहा हैं । हमलोगों को दीपक कुमार , राहुल कुमार , पंचा कुमार एवं रॉबिन मरांडी के द्वारा ले जाया जा रहा हैं। बच्चों को ले जाने वाले व्यक्तियों को गाड़ी से उतार कर पूछताछ किया गया तो बच्चों को ले जाने वाले चारों व्यक्तियों में खगड़िया के दीपक कुमार और राहुल कुमार, भागलपुर के पंचा कुमार , और कटिहार के रॉबिन मरांडी शामिल है. गिरफ्तार चारों मानव तस्करों ने पूछताछ में बताया कि मजदूरी करवाने के लिए 19 बच्चों को ले जा रहे थे । जिसके एवज में प्रत्येक बच्चे को 8000/- रुपया महिना दिया जाता है।
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण शर्मा की रिपोर्ट