Muzaffarpur News - प्रदेश के मुखिया हर जगह जाकर यही दावा करते हैं कि जब से सूबे में सत्ताशीन हुए हैं तब से प्रदेश में ‘’ मंगल ही मंगल’’ है। लेकिन हमेशा स्वास्थय विभाग को लेकर कुछ बातें ऐसे सामने आती है मानो स्थिति ठीक उससे विपरीत है। इसी आधार पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव प्रतिदिन प्रदेश में घटित अपराधिक घटनाओं का चिठ्ठा आधुनिक आकाशवाणी फेसबुक और एक्स पर लहरा के सूबे के सियासी हल्कों का माहौल गरम करते रहते हैं। वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल के चिकित्सकोंके द्वारा कुछ ऐसा कर दिया गया बेहद शर्मनाक है। मामला मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल का है। जहां ऑपरेशन के दौरान ‘अमंगल' हो गया ।
पेट में दर्द के नाम पर पेट ही चीर दिया
दरअसल घटना को लेकर बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर जिले के सदर अस्पताल में पेट दर्द का इलाज कराने पहुंची एक बच्ची का ऑपरेशन के नाम पर पेट चीर दिया गया। परिजनों के द्वारा बच्ची को पेट दर्द दिखाने के लिए सदर एस्पताल मुजफ्फरपुर लाया गाया । डॉक्टर इलाज करने के लिए बच्ची को ऑपरेशन थिएटर ले गया । करीब ढेड घंटा बीतने के बाद परिजनों ने देरी का कारण पूछा तो तो सर्जन डॉ. अब्दुल कादिर ने बताया कि अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया गलटा मरीज के पेट में अपेंडिक्स नहीं मिला ।
इसके बाद परिजन नाराज हो गए। उनलोगों ने पूछा कि जब अपेंडिक्स नहीं था तो पेट क्यों चीर दिया? इसपर सर्जन ने जवाब देते हुए कहा कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन किया गया है । डेढ़ घंटे तक बच्ची ऑपरेशन थियेटर में रही। उसके बाद उसे सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। कांटी मानपुरा की रहने वाली प्राची कुमारी के पेट में दर्द होने पर उसके परिजन उसे जिले के सदर अस्पताल लेकर आए । इस पर डॉक्टर ने अपेंडिक्स की बात कही और अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव दिया।
परिजनों का आरोप
इस बाबत मरीज प्राची के दादा ने बताया कि वह पहली बार 28 अक्तूबर को पोती को लेकर अस्पताल पहुंचे थे । अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड कराया । ऑपरेशन से पहले खून और अन्य जांच भी हुए । मंगलवार दोपहर प्राची का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ ।लेकिन पेट चीरने के बाद डॉक्टर ने कहा कि ‘सॉरी’ अपेंडिक्स मिला ही नहीं ।
इसकी शिकायत लेकर परिजन सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार के पास पहुंचे । उन्होंने कहा कि अधीक्षक से मिल लीजिए लिखित शिकायत कीजिए सदर अस्पताल में हुए इस कारनामे की जानकारी जब जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन को मिली तो उन्होंने बुधवार की सुबह सदर अस्पताल पहुंचकर पीड़ित बच्ची प्राची से मुलाकात की साथ ही सिविल सर्जन को तीन डॉक्टरों की टीम बनाकर 24 घंटे में इसकी रिपोर्ट देने का आदेश दिया ।
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण शर्मा की रिपोर्ट