Gaya railway station: गया रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य के दौरान बड़ा हादसा! छत से गिरने की वजह से मजदूर को मौत, 3 महीने में दूसरी घटना
Gaya railway station: गया रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन प्रतीक्षालय में मजदूर की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई। केपीसीएल कंपनी के अंतर्गत हो रहे निर्माण में यह दूसरी मौत है, जिससे सुरक्षा मानकों पर सवाल उठे हैं।

Gaya railway station: गया रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर निर्माणाधीन नव प्रतीक्षालय भवन में बुधवार (28 मई) को एक मजदूर दीपक कुमार की मौत हो गई। वह मूल रूप से सीवान का रहने वाला था। वह काम करने के दौरान ऊंचाई से गिर गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।घटना उस समय हुई जब दीपक अन्य मजदूरों के साथ छत पर काम कर रहा था, और संतुलन बिगड़ने से वह नीचे गिर पड़ा।चश्मदीदों के अनुसार गिरने के बाद दीपक कुमार के सिर में गंभीर चोटें आईं। इस वजह से काफी खून बह गया और मौके पर ही दम तोड़ दिया। लोगों ने समय पर इलाज न मिलने की बात भी उठाई है।
पहले भी हो चुकी है मजदूर की मौत
यह पहली घटना नहीं है। दो-तीन महीने पहले भी इसी प्रोजेक्ट में एक मजदूर की बिजली करंट लगने से मौत हो गई थी। वह उत्तर प्रदेश का निवासी था और शेड हटाने के दौरान करंट की चपेट में आ गया था। उस समय भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हुई। दुर्घटना के बाद प्रशासन और निर्माण एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए थे।
जीआरपी और रेलवे प्रशासन की जांच शुरू
घटना के बाद रेलवे पुलिस (जीआरपी) और निर्माण एजेंसी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। रेल थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह के अनुसार प्रारंभिक जांच में मौत का कारण ऊंचाई से गिरना पाया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और परिजनों को सूचना दी गई है। घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के भाई और बहन गया पहुंच चुके हैं।
केपीसीएल कंपनी पर जिम्मेदारी और सवाल
गया रेलवे स्टेशन को "वर्ल्ड क्लास" स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। अमृत भारत योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य केपीसीएल (KPCL) नामक निजी कंपनी के तहत हो रहा है। इस दौरान कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बड़े स्तर पर निर्माण कार्य जारी है। सैकड़ों मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं। इस दौरान अब तक दो मजदूरों की मौत हो चुकी है। इसके वाबजूद सुरक्षा उपकरणों की कमी, चिकित्सा सुविधा की अनुपलब्धता और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की खामियां उजागर हो रही हैं
मजदूरों की सुरक्षा पर जरूरी सवाल
यह घटना मजदूरों की सुरक्षा और निर्माण कंपनियों की जवाबदेही पर कई सवाल खड़े करती है। ऊंचाई पर काम कर रहे मजदूरों के लिए सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट होनी चाहिए। निर्माण स्थल पर प्राथमिक चिकित्सा और एम्बुलेंस की उपलब्धता होनी चाहिए। वर्कप्लेस इंस्पेक्शन और ऑक्युपेशनल सेफ्टी ऑडिट होनी चाहिए।