Bihar One Expressway 13 Four Lane: बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) की हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं समय से पीछे चल रही हैं। हालांकि इनका निर्माण कार्य जारी है, लेकिन कई स्थानों पर छोटी-मोटी समस्याओं के कारण काम बाधित हो रहा है। केंद्र सरकार ने बिहार में ऐसी एक दर्जन परियोजनाओं को चिह्नित किया है और इनमें तेजी लाने का निर्देश दिया है। इनमें आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे सहित नेशनल हाइवे के 14 प्रोजेक्ट शामिल हैं।
एनएच के लिए उठ रही थी मांग
राज्य में जिन परियोजनाओं का कार्य रुका हुआ है, उसके प्रमुख कारणों में जमीन अधिग्रहण की समस्या और वन विभाग की मंजूरी न मिलना शामिल हैं। बिहार में एनएच की कमी का मुद्दा उठने के बाद केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल की।
समस्याग्रस्त परियोजनाएं
अधिकारियों के अनुसार, कई परियोजनाओं की निविदा हो चुकी है, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने राज्य को निर्देश दिया है कि ऐसी परियोजनाओं पर अविलंब काम शुरू कराया जाए। राज्य सरकार ने भरोसा दिया है कि जनवरी तक इन परियोजनाओं से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा।
प्रमुख समस्याएं-
1. मुंगेर-मिर्जाचौकी परियोजना: मुंगेर में जमीन अधिग्रहण की समस्या। 2. कल्याणपुर-ताल दशहरा परियोजना: समस्तीपुर में जमीन अधिग्रहण बाधक। 3. आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे: पटना, गया और जहानाबाद में जमीन उपलब्ध नहीं। 4. उमगांव-सहरसा परियोजना: सुपौल और सहरसा में वन विभाग की जमीन को मंजूरी नहीं। 5. शेरपुर-दिघवारा परियोजना: सारण में जमीन अधिग्रहण की समस्या।
अन्य बाधित परियोजनाएं:
बहादुरगंज-अररिया, मुजफ्फरपुर-सोनबरसा, रिविलगंज बाईपास, जंदाहा बाईपास, भभुआ बाईपास, अमदाबाद-मनिहारी, रामनगर-रोसड़ा और कटोरिया, बांका और पंजवारा बाईपास इन सभी परियोजनाओं पर जमीन अधिग्रहण और वन विभाग की आपत्तियां काम में बाधा बन रही हैं।
सरकार का प्रयास
बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा उनके स्तर पर हर महीने दो बार हो रही है। इसमें राज्य सरकार, जिलाधिकारी और केंद्र सरकार के संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। इससे राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है, जिससे परियोजनाओं को गति मिल रही है।