Bhagalpur news: पश्चिम बंगाल में चोरी-छिपे संपत्ति खरीदने वाले भागलपुर और पूर्णिया प्रमंडल के 150 से अधिक रईस अब आयकर विभाग की नजरों में आ चुके हैं। आयकर विभाग ने ऐसे लोगों की तफ्तीश शुरू कर दी है, जो बिना जानकारी दिए बंगाल में संपत्तियां खरीद रहे हैं। इनमें फ्लैट, जमीन, होटल और अन्य कारोबारों में निवेश शामिल है।
आयकर विभाग का डाटा इकट्ठा करने का अभियान
आयकर विभाग ने इस संबंध में बंगाल के निबंधन कार्यालय से डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। विभाग का मानना है कि कई लोगों ने आयकर विभाग को जानकारी दिए बिना बंगाल में मोटी रकम निवेश की है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कई लोगों ने पत्नी और बच्चों के नाम पर संपत्ति खरीदकर आयकर विभाग से बचने की कोशिश की है। यह संपत्ति आयकर विवरणी में भी उल्लेखित नहीं है, जिससे उन्हें बेनामी संपत्ति की श्रेणी में रखा जा सकता है।
बंगाल में फ्लैट खरीदने की प्राथमिकता
भागलपुर और पूर्णिया के लोगों की पहली पसंद बंगाल में फ्लैट खरीदना है। भागलपुर के लोग अधिकतर कोलकाता में तो पूर्णिया के लोग सिलीगुड़ी में फ्लैट खरीदते हैं। सिलीगुड़ी सड़क मार्ग से पूर्णिया के लोगों के लिए आसान पहुंच में है, जबकि भागलपुर के लोग ट्रेन से कोलकाता आसानी से पहुंच सकते हैं। आयकर विभाग इस मामले की बारीकी से जांच कर रहा है और जनवरी के अंत तक कई लोगों को नोटिस भेजे जा सकते हैं।
संपत्ति खरीद की जानकारी न देना गैरकानूनी
सीए राजीव कुमार ने बताया कि किसी भी प्रकार की संपत्ति खरीदने की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य है। यदि कोई यह जानकारी नहीं देता, तो संपत्ति बेनामी मानी जाती है, और आयकर विभाग इसे गंभीरता से लेकर कार्रवाई करता है। कुछ लोग आयकर विभाग से बचने के लिए दूसरों के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं, जो उचित नहीं है।
बेनामी संपत्ति की जांच
आयकर विभाग के आईटीओ नितिन कुमार ने कहा कि बेनामी संपत्ति को लेकर जांच-पड़ताल की जा रही है। इसमें पैन नंबर के माध्यम से ऐसे लोगों के निवेश की जानकारी जुटाई जा रही है। इस मामले में गुप्त सूचनाएं भी इकट्ठा की जा रही हैं, और राज्य बदलने के बाद भी विभाग इन मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।