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बाबा अंबेडकर की ये 6 बातें मान, खुद को भीड़ से अलग बना पाएंगे आप

बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने नीतियों में 6 ऐसी बातें बताई हैं, जिसका अनुसरण कर आप अपने जीवन में खुद का एक नया व्यक्तित्व उजागर कर सकते हैं। इन छ नीतियों को मानकर आप खुद को भीड़ से बना सकते हैं। तो आईए जानते है क्या है वो 6 नीति।

बाबा अंबेडकर की ये 6 बातें मान, खुद को भीड़ से अलग बना पाएंगे आप

इंसान हर सुबह एक नई ऊर्जा के साथ खुद को बदलने की सोच लिए पूरे दिन अपने कार्य को करता है ऐसे में दिन के अंत तक उसके अंदर एक ही भाव रहता है कि क्या उसने आज कुछ ऐसा किया जिससे वह भीड़ से अलग अपनी एक नई पहचान बना पाया है उसकी यह मेहनत एक दिन उसे सफल तो जरूर बना देती है लेकिन हर इंसान फिर भी खुद को भीड़ से अलग नहीं बना पाता है। ऐसे में आज हम आपको हम बाबा भीमराव अंबेडकर की कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जिसको अगर आप अपने जीवन में अपना लेते हैं तो आप खुद को बहुत ही कम समय में भीड़ से अलग बना पाएंगे। 


बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने नीतियों में 6 ऐसी बातें बताई हैं, जिसका अनुसरण कर आप अपने जीवन में खुद का एक नया व्यक्तित्व उजागर कर सकते हैं। इन छ नीतियों को मानकर आप खुद को भीड़ से बना सकते हैं। तो आईए जानते है क्या है वो 6 नीति। बाबा अंबेडकर का मानना था कि मंदिर के बाहर लगने वाली लाइन जिस दिन पुस्तकालय के बाहर लगने लग जाएगी उसे दिन इस देश को महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। वहीं, उनका मानना था कि अगर आपके अंदर गलत को गलत कहने की क्षमता नहीं है तो आपकी पूरी प्रतिभा व्यर्थ है। आप इस समाज में एक बोझ की तरह है जिसके अंत के बाद समाज को कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। 


वहीं उनका मानना था कि ज्ञान का विकास ही मनुष्य का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए बिना ज्ञान के मनुष्य अंदर से काफी खोखला रह जाता है। उनका मानना था कि सफलता कभी पक्की नहीं होती है और असफलता कभी अंतिम नहीं होती है। इंसान को सफल होने के लिए असफलता की राह से गुजरना ही पड़ता है बिना असफल हुए किसी भी मनुष्य को सफलता के सही मूल्य का भाव पता नहीं लग पाएगा। उन्होंने एक बार कहा था कि अपनी अपनी मेहनत तब तक जारी रखें जब तक आपकी जीत एक बड़ा इतिहास ना बना दे। कहा जाता है की मेहनत करने वाली की कभी हार नहीं होती बाबा अंबेडकर का मूल मंत्र भी कुछ इसी से जुड़ा हुआ था। वहीं उनका मानना था कि छीना हुआ अधिकार कभी भी भीख में नहीं मिलता हर व्यक्ति को अपने अधिकार के लिए लड़ना ही पड़ता है बिना लड़े व्यक्ति अपना अधिकार नहीं पा सकता है।

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