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Bihar School News: बिहार के 472 स्कूल में हो गया खेला, खुब तामझाम से हुआ काम फिर सब कुछ हो गया तमाम, अब हुआ खुलासा

Bihar School News: बिहार के स्कूलों का नया कारनामा सामने आया है। जहां तामझाम से काम तो किया गया लेकिन 1 साल में ही सारा काम तमाम हो गया। शिक्षा विभाग के इस खुलासे से हड़कंप मच गया है।

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big game in Bihar 472 schools- फोटो : social media

Bihar School News:  बिहार के स्कूल सौर ऊर्जा का उपयोग करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यू-डायस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कई स्कूलों में स्थापित सोलर पैनल अब बेकार पड़े हैं। बिहार के 472 स्कूलों में कभी सोलर पैनल लगाए गए थे, लेकिन अब वे उपयोग में नहीं हैं। इन स्कूलों में बिजली का उपयोग अब ग्रिड से मीटर कनेक्शन के माध्यम से किया जा रहा है।

सोलर पैनल की स्थिति पर आंकड़े

शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 में बिहार के 9139 स्कूलों में ऊर्जा की खपत और बचत के लिए सोलर पैनल लगाए गए थे। लेकिन वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 8721 हो गई, जो लगभग पांच प्रतिशत की कमी दर्शाती है। बिजली की बचत और ऊर्जा उपयोग में, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश के 34,710 स्कूलों में सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद महाराष्ट्र और केरल का स्थान है।

सोलर पैनल लगाने की धीमी प्रगति

वर्ष 2021 में बिहार के स्कूलों में ब्रेडा (BREDA) की मदद से सोलर पैनल लगाने की योजना शुरू हुई थी। हालांकि, दो वर्षों में सिर्फ 12 स्कूलों में सोलर पैनल का उपयोग किया गया।

सोलर पैनल लगाने के फायदे

अगर स्कूलों में सोलर पैनल का सही उपयोग किया जाए, तो इसके कई फायदे हो सकते हैं:

बिजली कटौती के बावजूद कक्षाएं बाधित नहीं होंगी और ग्रिड पर निर्भरता घटेगी।

बिजली की बचत के साथ भारी भरकम बिजली बिल से राहत मिलेगी।

पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत के रूप में लाभ मिलेगा।

विद्यार्थियों में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

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