Bihar News: बिहार राज्य में कोका-कोला के 4 और नए प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट्स के साथ, बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहां कोका-कोला के कुल 5 प्लांट्स होंगे। वर्तमान में बक्सर के नवानगर में एक बॉटलिंग प्लांट कार्यरत है, जो 65 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इस प्लांट के निर्माण पर 1235 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है और इसकी उत्पादन क्षमता 3.24 लाख क्यूबिक फुट प्रतिदिन है। नए प्लांट्स के शुरू होने के बाद राज्य में कोका-कोला की कुल उत्पादन क्षमता 15 लाख क्यूबिक फुट प्रतिदिन हो जाएगी। इसके साथ ही लगभग 3 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
नए प्लांट्स के लिए सर्वे और भूमि चयन
कोका-कोला प्रबंधन राज्य के 20 जिलों में नए प्लांट्स के लिए सर्वे कर रहा है। चार प्लांट्स के लिए करीब 240 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इन प्लांट्स की स्थापना पर लगभग 4500 करोड़ रुपए का निवेश होगा। जिन जिलों में सर्वे चल रहा है उनमें पूर्णिया, किशनगंज, दरभंगा, खगड़िया, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, जमुई, कटिहार और मधेपुरा शामिल हैं। हाईवे से निकटता, बाजार की उपलब्धता, श्रमशक्ति और पानी की उपलब्धता जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पेय पदार्थों के साथ जूस और पानी की पैकिंग
नए प्लांट्स में कोका-कोला के विभिन्न पेय पदार्थ जैसे कोक जीरो, कोक लाइट, पानी, जूस, स्पोर्ट्स ड्रिंक, चाय और कॉफी की पैकिंग की जाएगी। यहां से तैयार उत्पाद न केवल राज्य और देश के अन्य हिस्सों बल्कि नेपाल, म्यांमार, भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी निर्यात किए जाएंगे।
वैश्विक सप्लाई की योजना
बिहटा के कंटेनर डिपो से उत्पादों की आपूर्ति विशाखापत्तनम, कोलकाता और गोवा के मुरगांव बंदरगाहों तक की जाएगी। इसके बाद इन्हें ओमान, मालदीव, यूएई, कुवैत, कतर, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोप जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेजा जाएगा।
क्षेत्रीय विकास और रोजगार के अवसर
नए प्लांट्स के निर्माण से स्थानीय क्षेत्रों का विकास होगा। फूड और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में तेज वृद्धि होगी। नए स्कूल, अस्पताल, बस स्टैंड और टैक्सी स्टैंड बनेंगे। प्लांट्स के आस-पास शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा। सीधे तौर पर 70,000 और अप्रत्यक्ष रूप से 2.30 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
कर्मचारियों की नियुक्ति
प्लांट्स में इंजीनियर, तकनीशियन, पैकिंग विशेषज्ञ, प्रबंधन कर्मी, ट्रैफिक मैनेजर, और बोतल निर्माण कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा लोडर, वाहन चालक, मजदूर और डिस्ट्रीब्यूटर भी काम पर रखे जाएंगे। साथ ही आस-पास होटल और अन्य व्यवसायों का विस्तार होगा। इस पहल से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों का संतुलित विकास भी होगा।