Bihar Land Ragistry Rule 2025: जमीन के दाखिल-खारिज या परिमार्जन के लिए अब आवेदनकर्ता को केवल 30 दिनों का समय मिलेगा। यदि जमीन की रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज या परिमार्जन के लिए आवेदन किया गया है और उसमें कोई त्रुटि पाई जाती है तो 30 दिन के भीतर सुधार करना होगा। निर्धारित समय के बाद आवेदन स्वतः अस्वीकृत हो जाएगा। यह नियम केवल उन रैयतों पर लागू होगा जिनके दाखिल-खारिज या परिमार्जन में त्रुटियां पाई जाएंगी।
नए नियम से लंबित मामलों में कमी की उम्मीद
सदर डीसीएलआर के अनुसार इस नियम से लंबित मामलों की संख्या घटेगी और परिमार्जन प्रक्रिया में तेजी आएगी। पहले त्रुटियों के कारण आवेदकों को आवेदन बार-बार सुधारने का मौका मिलता था, जिससे लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही थी। अब आवेदनकर्ता को त्रुटि सुधारने के लिए केवल 30 दिन मिलेंगे।
आवेदन में त्रुटि पाए जाने पर करें ये काम
यदि आवेदन में किसी प्रकार की त्रुटि होती है, तो संबंधित सीओ आवेदन को आवेदक के लॉगिन में वापस भेज देंगे। आवेदनकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आवेदन का स्टेटस नियमित रूप से चेक करें। अगर आवेदन लौटा दिया गया है, तो उसे हर हाल में 30 दिनों के अंदर सुधार कर पुनः सबमिट करना होगा। ऐसा न करने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।
समय सीमा का पालन आवश्यक
परिमार्जन प्लस पोर्टल पर आवेदक को यह ध्यान रखना होगा कि आवेदन की स्थिति पेंडिंग दिखने पर तुरंत सुधार करें और जरूरी कागजात के साथ दोबारा ऑनलाइन सबमिट करें। तय अवधि के भीतर त्रुटि न सुधारने पर आवेदन रद्द हो जाएगा, जिसके बाद पूरी प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी पड़ेगी। पहले दाखिल-खारिज या परिमार्जन के लिए कोई समय सीमा तय नहीं थी, लेकिन अब इस नए नियम से प्रक्रिया अधिक अनुशासित और समयबद्ध हो जाएगी।
आवेदन रद्द होने से बचने के उपाय:
1. आवेदन के बाद नियमित रूप से लॉगिन में आवेदन का स्टेटस चेक करें।
2. यदि आवेदन लौटाया गया है, तो तुरंत उसमें सुधार करें।
3. सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न कर समय सीमा के भीतर पुनः आवेदन सबमिट करें।
4. रद्द हुए आवेदन के बाद अंचल कार्यालय का चक्कर न लगे, इसके लिए समय सीमा का सख्ती से पालन करें।