PATNA - बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण 2024 में डिजिटाइज्ड जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे त्रुटियों के निवारण के लिए ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया को जारी रखें। इस पहल से जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार के लिए ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को जमाबंदी में सुधार के लिए ऑफलाइन आवेदन जारी रखने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने परिमार्जन प्लस पोर्टल (Parimarjan Plus Portal) पर ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध न होने तक यह सुविधा जारी रखने की योजना बनाई है। मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत रैयत ऑफलाइन आवेदन के माध्यम से अपनी जमाबंदी में सुधार करवा सकते हैं।
नई जमाबंदी में सुधार और प्रविष्टि की प्रक्रिया
डिजिटाइजेशन के दौरान अगर किसी जमाबंदी की प्रविष्टि गलती से किसी अन्य मौजे में हो गई है, तो अंचलाधिकारी स्वतः या आवेदन मिलने पर सही मौजा दर्ज करेंगे। अगर दो या दो से अधिक मौजों की जमाबंदी एक ही मौजा में दर्ज की गई है, तो इसे सुधारने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
भू-अर्जन मामले में ऑफलाइन एलपीसी निर्गत करने की समय सीमा में विस्तार
भू-अर्जन के मामले में ऑफलाइन एलपीसी (लैंड पोजिशन सर्टिफिकेट) निर्गत करने की समय सीमा अब 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। विभाग के निदेशक ने इस आदेश के तहत सभी समाहर्ताओं को सूचित किया है कि अंचल स्तर से ऑफलाइन एलपीसी निर्गत करने की प्रक्रिया जारी रहे। विशेष परिस्थितियों में यह आदेश महत्वपूर्ण माना गया है, खासकर भू-अर्जन से संबंधित मामलों में।
भूमि सर्वेक्षण 2024 में डिजिटाइज्ड जमाबंदी
बिहार सरकार का यह निर्णय भूमि सर्वेक्षण 2024 में डिजिटाइज्ड जमाबंदी की त्रुटियों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पहल से जनता को राहत मिलेगी और भूमि सुधार प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।