PATNA : अगर आप कैथी लिपि की जानकारी रखने में इच्छुक हैं तो इससे संबंधित पुस्तिका पटना पुस्तक मेला में लगे राजस्व विभाग के स्टॉल से खरीद सकते हैं। विभाग द्वारा हाल हीं में इसका विमोचन किया गया है।दरअसल राज्य में कई पुराने खातियान एवं अन्य दस्तावेज कैथी लिपि में हैं, जिन्हें समझने में आमलोगों के साथ-साथ विशेष सर्वेक्षण में लगे कर्मियों को भी होती थी। 5 दिसंबर को इसके विमोचन के साथ हीं विभाग द्वारा इसे अधिकारिक रूप से वेबसाइट https://dlrs.bihar.gov.in/ पर अपलोड कर दिया गया था। लोग इस वेबसाइट पर जाकर इसे निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।
मेला में स्टॉल पर आने वाले लोगों के द्वारा लगातार इस पुस्तिका की माँग की जा रही थी। आमलोगों की माँग को देखते हुये विभाग द्वारा इस पुस्तिका को अब पटना पुस्तक मेला में लगे राजस्व विभाग के स्टॉल पर उपलब्ध करवा दिया गया है। इसका प्रकाशन भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा किया गया है। इच्छुक व्यक्ति इसे मात्र 50 रुपये की नगद राशि देकर खरीद सकते हैं। सोमवार को इस पुस्तिका को राज्य के लगभग 150 रैयतों ने खरीदा।
ज्ञात हो कि पिछले गुरुवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल द्वारा कैथी लिपि पर लिखी गई इस पुस्तिका का अनावरण किया था। बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में कैथी की विविध क्षेत्रीय शैलियाँ प्रचलित हैं। जो मुख्यतः तिरहुत, मगध और भोजपुर क्षेत्र की कैथी है। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे0 प्रियदर्शिनी ने इस पुस्तिका की विशेष जानकारी देते हुए बताया कि कुछ जिलों के पुराने खतियान कैथी लिपि में हैं। सर्वे कर्मियों सहित आमलोगों को भी इसे समझने में परेशानी होती थी। वेबसाइट पर यह निःशुल्क डाउनलोड के लिये उपलब्ध है। पर जनता की माँग को देखते हुये निदेशालय द्वारा इसे प्रिंट करवाकर एक पुस्तक के रूप में आमलोगों को एक मामूली शुल्क पर उपलब्ध करवाया गया है। इससे सर्वे संबंधित कार्यों में पारदर्शिता और तेजी आयेगी।
विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से राज्य के सभी वैसे रैयत लाभान्वित होंगे। जिनके पास भू- स्वामित्व से संबंधित पुराने दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे हुए हैं और उसके आधार पर ही उनकी भूमि के स्वामित्व का निर्धारण वर्तमान सर्वे की प्रक्रिया में किया जाना है।