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Bihar Land Survey: जमीन सर्वेक्षण के लिए प्लॉट नंबर और खाता नंबर लाइए,खतियान का झंझट खत्म,नीतीश सरकार ने दी सुविधा...

बिहार में जमीन सर्वे प्रक्रिया को आधुनिक बनाने और लोगों की समस्याओं को कम करने की दिशा में यह पहल एक बड़ा कदम है। दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और नए नियमों से जमीन विवादों में कमी आएगी और आम लोगों को राहत मिलेगी।

Bihar Land Survey: जमीन सर्वेक्षण के लिए प्लॉट नंबर और खाता नंबर लाइए,खतियान का झंझट खत्म,नीतीश सरकार ने दी सुविधा...
बिहार में जमीन सर्वे प्रक्रिया- फोटो : freepik

Bihar Land Survey:  बिहार में जमीन सर्वे प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने कई बदलाव किए हैं। ये कदम आम जनता को सहूलियत देने और प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।

सर्वे में नई सुविधाएं:

अब लोगों को सर्वे के लिए केवल खाता और प्लॉट नंबर के साथ आवेदन करना होगा।

खतियान या अन्य दस्तावेज देना अब अनिवार्य नहीं।

गैर मजरुआ जमीन का सर्वे:

गैर मजरुआ जमीनों का सर्वे सरकार के नाम पर होगा।

जिन जमीनों पर दखल-कब्जा है, वर्तमान समय में उन पर बेदखली की कार्रवाई नहीं होगी।

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साक्ष्य की जरूरत:

जिसके नाम पर जमीन है, उसे केवल साक्ष्य (जैसे रसीद, खतियान) प्रस्तुत करना होगा।

सरकारी जमीन की जानकारी संबंधित अंचलाधिकारी द्वारा दी जाएगी।

सरकार के नाम पर सर्वे की जाने वाली जमीनें:

गैर मजरुआ आम और गैर मजरुआ मालिक।

कैसरे हिंद, बकाश्त भूमि, और भू-दान की जमीन।

भू-हदबंदी, बासगीत पर्चा, और बंदोबस्ती पर्चा।

वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की भूमि।

सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी कब्जाधारी गलत दस्तावेज के माध्यम से सरकारी जमीन को अपने नाम पर न करवा सके।

बदलाव की आवश्यकता क्यों?

जिला मुख्यालयों में जमीन के दस्तावेज निकालने के लिए आवेदनों की संख्या ढाई गुना तक बढ़ चुकी है।

औसतन 100-120 आवेदन प्रतिदिन आते हैं।

20% आवेदन दस्तावेज खराब होने या उपलब्ध न होने के कारण अस्वीकार हो जाते हैं।

पुराने दस्तावेजों की खराब स्थिति:

1995 के बाद के दस्तावेज डिजिटल हो चुके हैं।

लेकिन 1796 से 1995 तक के 5.13 करोड़ दस्तावेजों का डिजिटलीकरण अभी जारी है।

पुराने कागज खराब होने के कारण इन्हें खोजना मुश्किल हो रहा है।

सर्वे की प्रगति:

अब तक 2.41 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 1.19 लाख ऑनलाइन और 1.22 लाख ऑफलाइन हैं।

ऑफलाइन आवेदनों को ऑनलाइन करने का काम जारी है।

राज्यभर में स्थिति:

47 लाख परिवारों ने अपने दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं।

3,000 गांवों में सर्वे और खतियान बनाने का कार्य पूरा हो चुका है।

अब तक 36,000 ग्राम सभाएँ आयोजित की गई हैं।

28 लाख लोगों ने जमीन दावे के पत्र और सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज जमा किए हैं।

सरकार का दृष्टिकोण:

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय कुमार सिंह के अनुसार, सरकार की यह पहल पारदर्शिता और सरलता लाने के लिए है। इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि जमीन से जुड़े विवादों और दावों को भी कुशलतापूर्वक निपटाया जा सकेगा।

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