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Bihar Land survey: खतियान गायब! 20 जिलों में रिकॉर्ड का अता-पता नहीं, सचिव ने दिए जांच के आदेश

Bihar Land survey: खतियान गायब! 20 जिलों में रिकॉर्ड का अता-पता नहीं, सचिव ने दिए जांच के आदेश

Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण के तहत एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य के 20 जिलों में पहले चरण में भूमि सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन सर्वे के बाद तैयार किए गए खतियान का अता-पता नहीं है। इस गंभीर लापरवाही पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने नाराजगी जताते हुए सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है और तुरंत खतियान जमा करने के निर्देश दिए हैं।

बिहार में भूमि सर्वे का काम तेजी से हो रहा है, और राज्य सरकार इसे प्राथमिकता से देख रही है। पहले चरण में अररिया, अरवल, बांका, बेगूसराय, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्णिया, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल और पश्चिम चंपारण जैसे 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया गया। सर्वे के बाद इन जिलों के खतियान तैयार किए गए, जिन्हें अंचल कार्यालय और समाहरणालय में जमा किया जाना था। लेकिन अब यह खतियान कहां हैं, इसकी जानकारी न तो अंचल अधिकारियों के पास है और न ही भू अभिलेख निदेशालय के पास।

इस मामले को लेकर विभागीय सचिव जय सिंह ने 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को कड़े शब्दों में पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के पहले के दो पत्रों का हवाला दिया, जिसमें साफ निर्देश थे कि विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत तैयार किए गए खतियान को अंचलाधिकारी और समाहर्ता को भेजने से पहले उसकी पूरी जांच होनी चाहिए। इसके बाद ही खतियान को संबंधित कार्यालयों में जमा कराया जाना था, लेकिन आज तक एक भी राजस्व ग्राम का खतियान इन कार्यालयों को उपलब्ध नहीं कराया गया है।

सचिव ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए इसे विभागीय कामकाज में बड़ी चूक करार दिया। उन्होंने बंदोबस्त पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत खतियान की स्थिति स्पष्ट करें और उसे चेक लिस्ट के आधार पर जांच कर समाहरणालय और अंचल कार्यालय में जमा कराएं। इसके अलावा, खतियान की एक प्रति निदेशालय को भेजे जाने के आदेश दिए गए हैं ताकि इसकी समीक्षा की जा सके। सर्वे ट्रैकर के अनुसार, अब तक 929 राजस्व ग्रामों का खतियान प्रकाशित किया जा चुका है, लेकिन इनका रिकॉर्ड संबंधित अंचल और समाहरणालय को नहीं सौंपा गया है। सचिव जय सिंह ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि वे बिना किसी और देरी के खतियान को जमा करें, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

भूमि सुधार के इस महत्त्वपूर्ण अभियान में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खतियान का रिकॉर्ड हर स्तर पर सही ढंग से रखा जाए। भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के अनुसार, सर्वेक्षण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन खतियान से जुड़ी यह लापरवाही पूरे अभियान की सफलता पर सवाल खड़े कर रही है। सचिव ने कहा कि इस मामले की जांच में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। सर्वेक्षण के दौरान खतियान तैयार करने की प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों को पहले भी कई बार निर्देश दिए जा चुके थे, लेकिन इसके बावजूद यह गंभीर गलती सामने आई है। अब सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में खतियान गायब कैसे हो गए, और इसे लेकर आगे की कार्रवाई क्या होगी

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